| शब्द का अर्थ | 
					
				| दित्सा					 : | स्त्री० [सं०√दा (देना)+सन्+अ+टाप्] १. दान करने या देने की इच्छा। २. वह व्यवस्था जिसके अनुसार कोई अपनी संपति का बँटवारा अमुक-अमुक लोगों में अपने मरने के उपरांत चाहता है। (विल) | 
			
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				| दित्साक्रोड़					 : | पुं० [ष० त०] १. दित्सापत्र के अंत में लिखा हुआ परिशिष्ट रूप में कोई संक्षिप्त लेख या टिप्पणी जो किसी प्रकार की व्यवस्था या स्पष्टीकरण के रूप में होती है। २. दित्सा पत्र का वह अंश जिसमें उक्त प्रकार का लेख हो। (कोडिसिल) | 
			
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				| दित्सापत्र					 : | पुं० [ष० त०] वह पत्र या लेख जिसमें यह निर्देश होता है कि मेरे मरने के उपरांत मेरी संपत्ति अमुक-अमुक लोगों को अमुक-अमुक मात्रा में दी जाय। वसीयतनामा। इच्छापत्र। (विल) | 
			
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