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त्रिशंकुयाजी(जिन्)  : पुं० [सं० त्रिशंकु√यज् (यज्ञ करना)+णिच्+णिनि] त्रिशंकु को यज्ञ करानेवाले विश्वामित्र ऋषि।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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