शब्द का अर्थ
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तीस :
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वि० [सं० त्रिशति,पा०तीसा] जो गिनती में बीस से दस अधिक हो। स्त्री०उक्त के सूचक अंक या संख्या जो इस प्रकार लिखी जाती है।-३॰। पद–तीस मार खाँ-बहुत बड़ा बहादुर। (व्यंग्य) तीसों दिन-सदा। नित्य। |
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तीसर :
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स्त्री० [हिं०तीसरा] खेत की तीसरी जुताई। वि०-तीसरा। |
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तीसरा :
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वि० [हिं० तीन+सरा (प्रत्यय)] १. क्रम में तीन के स्थान पर पड़नेवाला जो गिनती में दो के उपरांत और चार से पहले हो। २. जिसका प्रस्तुत विषय अथवा दोनों पक्षों में से किसी एक से भी कोई संबंध या लगाव न हो। |
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तीसवाँ :
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वि० [हिं० तीस+वाँ (प्रत्यय)] क्रम में तीस के स्थान पर पड़नेवाला। तीसवाँ दिन। |
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तीसी :
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स्त्री० [सं० अतसी] १. डेंढ़ हाथ ऊंचा एक पौधा जिसमें नीले रंग के फूल तथा बीज मटमैले रंग के घुंडीदार गोल होते हैं। २. उक्त बीज जो वैद्यक के अनुसार वात, पित, और कफनाशक होते हैं । स्त्री० [हिं० तीस+ई (प्रत्यय)] वस्तुएँ गिनने का एक मान जिसका सैकड़ा तीस गाहियों का अर्थात् १५॰ का होता है। स्त्री० [?] एक प्रकार की छेनी जिससे लोहे की थालियों आदि पर नक्काशी करते है। |
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