| शब्द का अर्थ | 
					
				| तीत					 : | वि०=तीखा (तिक्त)(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| तीतर					 : | पुं० [सं० तित्तिर] मुरगी की जाति का एक पक्षी जिसका मांस खाया जाता है। काले रंग का तीतर काला और चित्रित रंग का तीतर गौर कहलाता है। कहा०–आधा तीतर और आधा बटेर–ऐसी वस्तु जिसके दो विभिन्न अंगों या अंशों का अनुपात या सौंदर्य एक-सा न हो। विशेष–वैद्यक में तीतर का मांस खाँसी, ज्वर आदि का नाशक माना गया है। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| तीता					 : | वि० [सं० तिक्त] १. जिसका स्वाद तीखा और चरपरा हो। तिक्त। जैसे–मिर्च। २. कड़ुआ। कटु। वि० [?] भींगा हुआ। आर्द्र। तर। पुं० १. तोजी-बोयी जानेवाली जमीन की तरी या नमी। २. ऊसर भूमि। ३. ढेंकी और रहट का अगला भाग। ४. ममीरे का पौधा। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| तीतुर					 : | पुं०=तीतर।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| तीतुरी					 : | स्त्री०=तितली।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| तीतुल					 : | पुं०=तीतर।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |