| शब्द का अर्थ | 
					
				| ताक					 : | स्त्री० [हिं० ताकना] १. ताकने की क्रिया, ढंग या भाव। पद–ताक-झाँक-(देखें)। मुहावरा–(किसी पर) ताक रखना-किसी के कामों, व्यवहारों आदि पर दृष्टि, ध्यान या निगाह रखना देखते रहना कि क्या किया जाता है या क्या होता है। २. स्थिर दृष्टि टकटकी। मुहावरा–ताक बाँधना-टकटकी लगाकर या निगाह जमाक देखते रहना। ३. स्वार्थ साधन के विचार से आघात, लाभ आदि के उपयुक्त अवसर की प्रतीक्षा करते हुए पूरा ध्यान रखना। घात। मुहावरा–(किसी की) ताक में निकलना-किसी को ढूँढ़ने या पाने के लिए कहीं जाना या निकलना। (किसी की) ताक में रहना-किसी पर आक्रमण प्रहार आदि करने के लिए उपयुक्त अवसर स्थान आदि की प्रतीक्षा करना। ताक लगाना=कहीं ठहर या बैठकर उपयुक्त अवसर की प्रतीक्षा करते रहना। ताक में रहना-उपयुक्त अवसर की प्रतीक्षा करना। अवसर या मौका देखते रहना। पुं० [अ० ताक] १. दीवार की चुनाई में प्रायः चौकोर गड्ढे की तरह छोड़ा हुआ खाली स्थान जो छोटी-छोटी चीजें रखने के काम आता है। आला। ताखा। मुहावरा–ताक पर धरना या रखना-व्यर्थ समझकर पड़ा रहने देना या ध्यान न देना। जैसे–हमारी बातें तो तुम ताक पर रखते चलते हो। ताक पर रहना या होना यों ही पड़ा रहना। किसी काम में न आना। व्यर्थ जाना। जैसे–उनका यह हुकूम ताक पर ही रह जायेगा। ताक भरना=मुसलमानों का एक धार्मिक कृत्य जिसमें वे किसी मसजिद या दूसरे पवित्र स्थान में जाकर (मन्नत पूरी करने के लिए) वहाँ के ताकों या आलों में मिठाइयाँ, फल आदि रखते हैं और तब उन्हें प्रसाद के रूप में लोगों में बाँटते हैं। वि० १. जिसके साथ और कोई न हो। अकेला। २. जिसके जोड़ या बराबरी का और कोई न हो। अद्वितीय। निरुपम। बेजोड़। ३. जो संखया में समान हो अर्थात् जिसे दो से भाग देने पर पूरा एक बच रहे। विषम। जैसे–३,५,७,९ आदि ताक है, और ४,६,८,१॰ आदि जुफ्त या जूस है। | 
			
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				| ताकजुफ्त					 : | पुं० [अ० ताक-विषम+फा० जुफ्त-जोड़ा] कौड़ियों से खेला जानेवाला जूस, ताक (देखें) नाम का खेल। | 
			
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				| ताक-झांक					 : | स्त्री० [हिं० ताकना+झाँकना] १. टोह, लेने, ढूँढ़ने, पाने आदि के उद्देश्य से रह-रहकर इधर-उधर बराबर ताकते या देखते और झांकते रहने की क्रिया या भाव। २. छिपकर या औरों की दृष्टि बचाकर बुरे भाव से ताकने की क्रिया या भाव। | 
			
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				| ताकत					 : | स्त्री० [अ०] १. कोई काम कर सकने की शक्ति या सामर्थ्य। जैसे–(क) आँखों में इतनी दूरी तक देखने की ताकत नहीं है। (ख) इस कुरसी में इतनी ताकत नहीं है कि वह तुम्हारा बोझ सह सके। २. सारीरिक या मानसिक बल। जैसे–बच्चे में नदी पार करने की या अँगरेजी बोलने की ताकत कैसे हो सकती है। | 
			
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				| ताकतवर					 : | वि० [फा०] जिसमें ताकत हो। शक्तिशाली। जैसे–वह दल इसकी अपेक्षा अधिक ताकतवर है। | 
			
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				| ताकना					 : | स० [सं० तर्कण] १. तर्क या बुद्धि के द्वारा कोई बात जानना या समझना। (क्व०) २. देखना। ३. ध्यानपूर्वक या आँख गड़ाकर किसी की ओर देखना। ४. बुरे उद्देश्य या दुष्ट-भाव से किसी की ओर देखना। उदाहरण–जे ताकहि पर धन पर दारा।–तुलसी। ५. पहले से देखकर कुछ स्थिर करना। ६. अवसर की प्रतीक्षा या घात में रहना। ७. आघात या वार करने के लिए लक्ष्य की ओर ध्यानपूर्वक देखना। उदाहरण–नावक सर से लाईकै तिलक तरुनिहत ताकि।–बिहारी। ८. देख-रेख या रखवाली करना। | 
			
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				| ताकरी					 : | स्त्री०=टाकरा (देश या लिपि)। | 
			
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				| ताकि					 : | अव्य० [फा०] इसलिए कि। जिसमें। जैसे–तुम यहाँ बैठे रहों, ताकि यहाँ से कोई चीज गायब न होने पावे। | 
			
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				| ताकीद					 : | स्त्री० [अ०] कोई काम करने न करने आदि के संबंध में जोर देकर या कई बार कही जानेवाली बात। जैसे–नौकर को ताकीद कर दो कि वह सौदा लेकर तुरन्त लौट आवे। क्रि० प्र०–करना। | 
			
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				| ताकोली					 : | स्त्री० [देश०] एक प्रकार का पौधा। | 
			
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