शब्द का अर्थ
|
तरणि :
|
पुं० [सं०√तृ+अग्नि] १. सूर्य। २. सूर्य की किरण। ३. आक। मदार। ४. ताँबा। स्त्री० =तरणी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तरणि-कुमार :
|
पुं० [ष० त०] तरणिसुत। (दे०)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तरणिजा :
|
स्त्री० [सं० तरणि√जन्+ड-टाप्] १. सूर्य की कन्या। यमुना। २. एक प्रकार का वर्णवृत्त जिसके प्रत्येक चरम में क्रमशः एक नगण और एक गुरु होता है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तरणि-तनय :
|
पुं० [ष० त०] तरणिसुत। (दे०)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तरणि-तनूजा :
|
स्त्री० [ष० त०] सूर्य की पुत्री। यमुना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तरणिसुत :
|
पुं० [ष० त०] १. सूर्य का पुत्र। २. यमराज। ३. शनि। ४. कर्ण। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
तरणि-सुता :
|
स्त्री० [ष० त०] सूर्य की पुत्री। यमुना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |