शब्द का अर्थ
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डोल :
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पुं० [सं० दोल, हिं० डोलना] [स्त्री० अल्पा० डोलची] १. डोलने की क्रिया या भाव। जैसे–कुछ हिल-डोल किया करो। २. कोई हिलने-डुलनेवाली वस्तु। जैसे–झूला पालना आदि। ३. डोली नाम की सवारी। ४. धार्मिक उत्सवों के समय निकलनेवाली चौकियाँ या विमान जिन पर देव-मूर्तियाँ या अनेक प्रकार के दृश्य रहते थे। ५. लोहे का चौड़े मुँहवाला एक प्रकार का बरतन जिसके द्वारा कूएं से पानी खींचा जाता है। ६. जहाज का मस्तूल। (लश०)। वि० [हिं० डोलना] १. हिलता-डुलता हुआ। २. अस्थिर। चंचल। स्त्री० एक प्रकार की काली उपजाऊ मिट्टी। |
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डोलक :
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पुं० [सं०] ताल देने का एक प्रकार का पुराना बाजा। |
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डोलची :
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स्त्री० [हिं० डोल+ची (प्रत्यय] १. छोटी डोल (पानी रखने का बरतन) २. डोल के आकार की एक प्रकार की छोटी टोकरी। |
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डोल-डाल :
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पुं० [हिं० डोलना+डाल अनु०] १. चलने-फिरने हिलने-डुलने आदि की क्रिया या भाव। २. गाँव-देहातों में, शौच आदि के लिए बाहर खेत या जंगल में जाने की क्रिया (बुंदेल०) |
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डोलना :
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अ० [सं० दोलन] १. किसी चीज का इधर-उधर आना-जाना या हिलना। जैसे–भूंकप से पृथ्वी का डोलना। २. लटकती हुई चीज का इधर से उधर आते-जाते रहना। जैसे–घड़ी के लंगर का डोलना। ३. किसी चीज के बने रहने की स्थिति में अस्थिरता तथा शंका होना। अपने स्थान से कुछ इधर-उधर होना। जैसे–आसन या सिंहासन डोलना। ४. व्यक्ति अथवा उसके मन का किसी दूसरे मत या विचार की ओर उन्मुख या प्रवृत्त होने लगना। मन का चलायमान या विचलित होना। ५. घूमना, चलना या टहलना। पद–डोलना फिरना=इधर-उधर घूमना। चलना या टहलना। ६. कहीं से दूर चले जाना या हट जाना। स=डुलाना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) पुं०=डोला (सवारी)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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डोलरी :
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स्त्री० [हिं० डोल] खाट। चारपाई।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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डोला :
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पुं० [सं० दोल यो दोलप] [स्त्री० अल्पा० डोली] १. पालकी की तरह की एक प्रसिद्ध चौकोर छाई हुई सवारी जिसे कहार उठाकर ले चलते हैं और जिस पर प्रायः वधू बैठकर पहले-पहल ससुराल जाती है। मुहावरा–(किसी की) डोली देना=डोले पर बैठकर अपनी कन्या को इस उद्देश्य से वर-पक्ष के घर भेजना कि वहीं वर के अभिभावक वर के साथ उसका विवाह कर लें। विशेष–प्रायः मध्य युग में ऐसे लोग अपनी कन्या को डोले पर बैठाकर रईसों, राजाओं या सरदारों के यहाँ भेजते थे जिनके यहाँ या तो बड़े आदमियों की बरात आ नहीं सकती थी या जो उन बड़े आदमियों की बरात का उचित आदर-सत्कार करने में असमर्थ होते थे। इसी लिए डोला भेजना एक प्रकार की अधीनता या हीनता का सूचक होता है। मुहावरा–(किसी के) चोंड़े या सिर पर (किसी का) डोला उछलना=किसी स्त्री के सामने उसके पति का दूसरा विवाह करना और जलाने के लिए उसकी सौत लाकर बैठाना। २. झूले को दिया जानेवाला झोंका। पेंग। |
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डोलाना :
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स० दे० ‘डुलाना’। |
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डोला-यंत्र :
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पुं०=दोला यंत्र। |
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डोलियाना :
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स० [हिं० डोली+आना(प्रत्यय)] १.किसी को डोली में बैठाकर कही ले जाना। २.वधू को डोली में बैठाकर ससुराल भेजना। ३.कोई चीज चुपके से लेकर चल देना। (बाजारू)। अ०चंपत होना। खिसक जाना। |
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डोली :
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स्त्री० [हिं०डोला] १.छोटा डोला (सवारी) जिसे दो कहार कंधों पर लेकर चलते हैं। मुहावरा–डोली करना= (क) किसी को जैसे–तैसे दूर करना या हटाना। (ख) कोई चीज चुपके से उठाकर चल देना। पद–डोली डंडा= (देखें)। २.हिदुओं की एक प्रथा या रस्म जिसमें विवाह के उपरान्त वधू को डोली या किसी दूसरी सवारी में बैठाकर वर पक्षवाले ले जाते हैं। ३.रहस्य संप्रदाय में शरीर। |
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डोली-डंडा :
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पुं० [हिं०] लकड़ों का एक खेल जिसमें दो लड़के अपनी बाँहों को मिलाकर उन्हें चौकी का रूप देते और उस पर किसी तीसरे छोटे लड़के को बैठाकर, डोली डंडा पालकी कहकर इधर-उधर घुमाते हैं। |
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डोलू :
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स्त्री० [देश०] १. एक ओषधि जिसे रेनंद चीनी भी कहते है० २. पूरबी भारत में होनेवाला एक प्रकार का बाँस। वि० [हिं० डोलना] जो चुपके से कुछ लेकर चंपत हो गया हो। (बाजारू)। जैसे–किताब लेकर डोलू हो गया।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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