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ठहराना  : स० [हिं० ठहरना का स०] १. ठहराने में प्रवृत्त करना। २. किसी चलती हुई चीज को रोककर किसी स्थान पर खड़ा या स्थित करना। जैसे–गाड़ी या नाव ठहराना। ३. किसी को किसी आधार पर इस प्रकार खड़ा या स्थित करना कि वह इधर-उधर होने या हिलने न पावे। जैसे–ऊँगली पर छड़ी ठहराना। ४. किसी प्रकार के आधार पर दृढ़तापूर्वक स्थापित करना। जैसे–खंभों पर छत ठहराना। ५. किसी को अतिथि के रूप में अपने यहाँ अथवा और कहीं ठहरने या कुछ समय तक रखने अथवा रहने की व्यवस्था करना। जैसे–(क) मित्र को अपने यहाँ ठहराना। (ख) धर्मशाला में बरात ठहराना। ६. किसी चलते या होते हुए काम को बंद करना या रोकना। ७. कोई काम चीज या बात इस प्रकार निश्चित करना, कराना कि सहसा उसमें कोई परिवर्तन न हो सके। जैसे–(क) लड़की या लड़के का ब्याह ठहराना। (ख) किराये की गाड़ी या मोटर ठहराना। ८. किसी चीज को नीचे गिरने से बचाने के लिए कोई आड़ या टेक लगाना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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