शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					जह्रु					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०√हा (छोड़ना)+नु, द्वित्वादि] १. विष्णु। २. एक ऋषि जिन्होंने गंगा नदी का पान कर लिया था और फिर राजा भगीरथ के प्रार्थना करने पर उसे कान के रास्ते से बाहर निकाल दिया था।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					जह्रु-तनया					 :
				 | 
				
					स्त्री० [ष० त० ] गंगा नदी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					जह्रु-नंदिनी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [ष० त० ] गंगा नदी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					जह्रु-सप्तमी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [ष० त० ] दे० ‘गंगा सप्तमी’।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					जह्रुँ-सुता					 :
				 | 
				
					स्त्री० [ष० त० ] गंगा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					जह्र					 :
				 | 
				
					पुं० [फा० जह्र] जहर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |