शब्द का अर्थ
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					छिउँकी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हिं० च्यूँटी] [पुं० छिउका] १. एक प्रकार की भूरे रंग की च्यूँटी। २. एक प्रकार का कीड़ा। स्त्री० चिकोटी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिंकना					 :
				 | 
				
					अ०=छिकना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिंकोरा					 :
				 | 
				
					पुं० [देश०] एक वन्य पशु।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिंछ					 :
				 | 
				
					पुं० [अनु०] १. फुहारा। फव्वारा। उदाहरण–ऊँच छिंछ ऊछलै अति।–प्रिथीराज। २. छींटा। वि०=छूँछा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिछना					 :
				 | 
				
					स० [सं० इच्छ] चाहना। इच्छा करना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छि					 :
				 | 
				
					अव्य० [अनु०] अश्रद्धा, घृणा तिरस्कार आदि का सूचक एक शब्द। जैसे–छिः तुम भी ऐसा करने लगे।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिअ					 :
				 | 
				
					वि० छः (संख्या)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिउकी					 :
				 | 
				
					स्त्री०=छिउँकी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिउल					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० छाल्मलि] टेसू। पलाश।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिकना					 :
				 | 
				
					अ० [हिं० छेकना] १. (स्थान आदि का) घेरा जाना। २. मार्ग में अवरुद्ध किया या रोक लिया जाना। ३.(खाते में नाम पड़ी रकम का वसूल होने पर) काटा या रद्द किया जाना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिकनी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० छिक्कनी] नकछिकनी नाम की एक बूटी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिकरा					 :
				 | 
				
					पुं०=चिकारा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिकुला					 :
				 | 
				
					पुं०=छिलका।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिक्कनी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० छिक्√ कन् (शब्द करना)+अप, ङीष्] नकछिकनी नाम की बूटी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिक्का					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० छिक्√ कै (शब्द करना)+क-टाप्] छींक। पुं०=छीका।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिगार					 :
				 | 
				
					पु०=चिकारा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिगनी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० क्षुद्र+हिं० उँगली०] हाथ या पैर की सबसे छोटी उंगली। कानी उँगली।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिगुली					 :
				 | 
				
					स्त्री०=छिगुनी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिच्छ					 :
				 | 
				
					पुं०=छींटा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिछकारना					 :
				 | 
				
					स०=छिड़कना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिछड़ा					 :
				 | 
				
					पुं०=छीछड़ा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिछड़ी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हिं० छिछड़ा] लिगेंन्द्रिय के अगले भाग का आवरण।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिछला					 :
				 | 
				
					वि० [सं० उच्छल] [स्त्री० छिछली] १. जिसमें गरहाई न हो। कम गहरा। जैसे छिछला पात्र। २. (जलाशय) जो कम गहरा हो और इसी लिए जिसमें जल थोड़ी मात्रा में रहता हो। ३. तुच्छ (बात या स्वभाव)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिंछिल					 :
				 | 
				
					वि०=छिछला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिछोरा					 :
				 | 
				
					वि० [हिं० छिछला] [स्त्री० छिछोरी, भाव, छिछोरापन] (व्यक्ति) जो स्वभाव से गंभीर न हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिजना					 :
				 | 
				
					अ०=छीजना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिटकना					 :
				 | 
				
					अ० [सं० क्षिप्ति] १. किसी पदार्थ के कणों का इधर-उधर बिखरना। २ =छिड़कना। स०=छिड़काना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिटकाना					 :
				 | 
				
					स० [हिं० छिटकना] किसी पदार्थ के कणों को चारों ओर डालना, फेंकना या बिखेरना। जैसे–अन्न या बालू छिटकाना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिटकी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हिं० छींटा] कोई चीज छिटकने के कारण पड़ा हुआ उसका कण या चिन्ह।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिट-फुट					 :
				 | 
				
					क्रि० वि० [हिं० छिटकना+अनु०] १. कुछ यहाँ कुछ वहाँ। थोड़ा यहां थोड़ा वहाँ। २. कहीं-कहीं। चुट-फुट। वि० गिनती और मान में कम।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिटवा					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० शिक्य] टोकरा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिड़कना					 :
				 | 
				
					स० [हिं० छींटना] १. जल या कोई तरल पदार्थ को इस प्रकार फेंकना कि उसके छींटे बिखर कर चारों ओर पड़े। जैसे–आग या जमीन पर पानी छिड़कना, अभ्यागतों पर गुलाब-जल छिड़कना। २.=छिटकना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिड़का					 :
				 | 
				
					पुं०=छिड़काव।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिड़काई					 :
				 | 
				
					स० [हिं० छिड़कना] १. छिड़कने का कार्य या भाव। २. छिड़कने का पारिश्रमिक या पुरस्कार। जैसे–गुलाब छिड़काई।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिड़काव					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० छिड़कना] जल या कोई तरल पदार्थ छिड़कने की क्रिया या भाव।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिड़ना					 :
				 | 
				
					अ० [हिं० छेड़ना] १. छेड़ा जाना। जैसे–बात छिड़ना, राग-छिड़ना। २. आरंभ होना। जैसे–युद्ध छिड़ना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिण					 :
				 | 
				
					पुं०=क्षण।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छित					 :
				 | 
				
					वि० [सं० सित] सफेद।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छितनी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [?] एक प्रकार की छिछली या कम गहरी टोकरी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छितराना					 :
				 | 
				
					अ०, स०=छितराना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छितर-बितर					 :
				 | 
				
					वि०=तितर-बितर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छितरा					 :
				 | 
				
					वि० [हिं० छितराना] छितराया हुआ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छितराना					 :
				 | 
				
					अ० [सं० क्षिप्त+करण] १. किसी वस्तु के कणों या छोटे-छोटे टुकड़ों का चारों ओर बिखरना। २. थोड़े से पशुओं, व्यक्तियों वस्तुओं आदि का विस्तृत भू-भाग में फैलना। जैसे–यहूदी सारे संसार में छितरे हुए हैं। स० १. किसी वस्तु के कणों को चारों ओर गिराना, फेंकना या बिखेरना। २. दूर-दूर या विरल करना। जैसे–किताबें छितराना। ३. व्यक्तियों, पशुओं आदि को तितर-बितर करना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छितराव					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० छितराना] छितरे या छितराए हुए होने की अवस्था या भाव।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छितव					 :
				 | 
				
					स्त्री०=क्षिति।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिताई					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० क्षिति] देवगिरि के राजा की पुत्री।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिति					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० क्षिति] पृथ्वी। भूमि।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छितिकंत, छितिनाथ, छितिपाल					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० छित+सं० कंत, नाथ या पाल] राजा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छितिरुह					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० छिति+सं० रुह] वृक्ष।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छितीस					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० क्षितीश] राजा।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छित्ति					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं०√ छिद् (छेदना)+क्तिन्] काटने अथवा छेदने की क्रिया या भाव।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिदक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०√ छिद् (छेदना)+क्वुन्-अक] १. वज्र। २. हीरा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिदना					 :
				 | 
				
					अ० [हिं० छेदना] १. नुकीली वस्तु के धँसने या धँसाये जाने के कारण किसी वस्तु में आर-पार छेद होना। जैसे–कान या नाक छिदना। २. सुराख होना। छेदा जाना जैसे–तीर से शरीर छिदना। ३. घायल होना। ४. चुभना। धँसना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिदवाई					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हिं० छिदवाना] १. छेदने की क्रिया या भाव। २. छेदने का पारिश्रमिक या मजदूरी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिदवाना					 :
				 | 
				
					स० [हिं० छेदना का प्रे० रूप] [भाव० छिदवाई] छेद या सुराख करवाना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिदाना					 :
				 | 
				
					स=छिदवाना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिदि					 :
				 | 
				
					स्त्री० [√छिद् (काटना)+इन्] १. काटने या छेदने की क्रिया या भाव। २. कुल्हाड़ी। ३. वज्र।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिदिर					 :
				 | 
				
					पुं० [सं०√ छिद्+किरच्] १. कुल्हाड़ी। २. तलवार। ३. अग्नि। ४. रस्सी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिद्र					 :
				 | 
				
					पुं० [√छिद्+रक्] १. किसी वस्तु के बीच में का दोनों ओर से खुला हुआ छोटा भाग। छेद। जैसे–कपड़े या चलनी में का छिद्र। २. किसी घन या ठोस वस्तु में का वह गहरा स्थान जिसमें उस वस्तु का कुछ अंश निकाल लिया गया हो। जैसे–जमीन, दीवार या फल मे का छिद्र। ३. किसी कार्य वस्तु या व्यक्ति में होनेवाली कोई त्रुटि या दोष जैसे–छिद्रान्वेषण।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिद्र-कर्ण					 :
				 | 
				
					वि० [ब० स०] जिसके कान छिदे या बिधे हुए हों।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिद्रदर्शी(र्शिन्)					 :
				 | 
				
					पुं० [छिद्र√दृश् (देखना)+णिनि] व्यक्ति जो दूसरों के कार्यों में त्रुटियाँ या दोष ही ढूँढता हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिद्र-पिप्पली					 :
				 | 
				
					स्त्री० [मध्य० स०] गजपिप्पली।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिद्र-वैदेही					 :
				 | 
				
					स्त्री० [मध्य ० स०] गजपिप्पली।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिद्रांतर					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० छिद्र-अंतर, ब० स०] १. सरकंडा। २. नरकुल।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिद्रांश					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० छिद्र-अंश, ब० स०] सरकंडा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिद्रात्मा(त्मन्)					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० छिद्र-आत्मन्, ब० स०] छिद्रान्वेषी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिद्रान्वेषण					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० छिद्र-अन्वेषण, ष० त०] किसी कार्य, बात या व्यक्ति में से त्रुटियाँ या दोष ढूँढने का काम।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिद्रान्वेषी(षिन्)					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० छिद्र-अनु√इष् (गति+णिनि)] वह जो छिद्रान्वेषण करता हो। दूसरों के कार्यों में से त्रुटियाँ या दोष खोजने वाला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिन					 :
				 | 
				
					पु०=क्षण।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिनक					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० छिन+एक] एक क्षण। क्रि० वि० क्षण भर। थोड़ी देर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिनकना					 :
				 | 
				
					स० [हिं० छिड़कना] नाक में से इस प्रकार जोर से हवा निकालना कि उसमें रुका हुआ मल बाहर निकल पड़े। सिनकना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिनकु					 :
				 | 
				
					पुं० क्रि० वि०=छिनक।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिनकुरना					 :
				 | 
				
					अ० [हिं० छिनकु+करना] १. एक-क्षण रूकना। २. रूकना। ३. विलंब करना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिनछबि					 :
				 | 
				
					वि० [हिं० छिन+छबि] जिसकी छबि क्षणिक या अस्थायी हो। स्त्री० बिजली। विद्युत।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिनदा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० क्षणदा] रात।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिनना					 :
				 | 
				
					अ० [हिं० छीनना] (किसी अधिकार,वस्तु आदि का किसी से) छीना जाना। जैसे–धन छिनना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिनभंग					 :
				 | 
				
					वि० [सं० क्षणभंगुर] १. जो क्षण में नष्ट हो जाने को हो। क्षणिक। २. नश्वर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिनरा					 :
				 | 
				
					वि=छिनाल।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिनवाना					 :
				 | 
				
					स० [हिं० छीनना का प्रे.रूप] किसी को किसी दूसरे से कोई चीज छीनने में प्रवृत्त करना। छीनने का काम दूसरे से कराना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिनाना					 :
				 | 
				
					अ० [हिं० छिनना] छीन लिया जाना। स० छीनना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिनाल					 :
				 | 
				
					वि० [सं० छिन्ना] (स्त्री) जिसका संबंध बहुत से पर-पुरुषों से हो। स्त्री० पुंश्चली। व्यभिचारिणी स्त्री।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिनाला					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं०छिनाल] पर-पुरुष या पर-स्त्री से होनेवाला अनुचित संबंध या सहवास। व्यभिचार।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिनौछबि					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हिं० छिनछबि] बिजली।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिन्न					 :
				 | 
				
					वि० [सं०√ छिद् (छेदना)+क्त] १. (किसी वस्तु का वह अंश) जो मूल वस्तु से कटकर अलग हुआ हो। २. (वस्तु) जिसमें का कोई अंश या भाग काट लिया गया हो अथवा कट कर अलग हो गया हो। खंडित। ३. जो किसी के साथ लगा हुआ न हो। किसी से अलग। ४. नष्ट किया हुआ। ५. क्षीण। ६. थका हुआ। क्लांत।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिन्नक					 :
				 | 
				
					वि० [सं० छिन्न+कन्] जिसका कुछ भाग कटकर अलग हो गया हो। पुं० ज्यामिति में, किसी कोण या कोणाकार गड़े हुए धन पदार्थ का वह बचा हुआ भाग जो उसका ऊपरी अंश तल के समानान्तर धरातल पर से काट लेने के बाद बचे। (फ्रस्टम)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					छिन्न-धान्य					 :
				 | 
				
					वि० [ब० स०] (शत्रुओं द्वारा घिरी हुई वह सेना) जिसके पास धान्य न पहुँच सकता हो।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिन्न-नास					 :
				 | 
				
					वि० [ब० स०] जिसकी नाक कटी हुई हो। नकटा।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					छिन्न-नासिक					 :
				 | 
				
					वि० [ब० स०] कटी हुई नाकवाला। नकटा।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					छिन्न-पत्री					 :
				 | 
				
					स्त्री० [ब० स०] पाठा।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					छिन्न-पुष्प					 :
				 | 
				
					पुं० [ब० स०] पुन्नाग की जाति का वृक्ष। तिलक।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					छिन्न-बंधन					 :
				 | 
				
					वि० [ब० स०] जिसके बंधन खोल या काट दिये गये हों। मुक्त।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					छिन्न-भिन्न					 :
				 | 
				
					वि० [द्व० स०] १. (वस्तु) जिसके अंग अथवा अंश कट-फट या टूट-फूट कर इधर-उधर बिखर गये हों। २. तितिर-बितर। बिखरा या छितराया हुआ।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					छिन्न-मस्त(क)					 :
				 | 
				
					वि० [ब० स०] जिसका सिर कट गया हो।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					छिन्न-मस्तका					 :
				 | 
				
					स्त्री० [ब० स० टाप्] दस महाविद्याओं में से एक देवी जिसके संबंध में कहा जाता है कि वह अपना सिर हथेली पर रखती है और गले में से निकलती हुई रक्त धारा पीती है।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिन्न-मस्ता					 :
				 | 
				
					स्त्री० [ब० स० टाप्]=छिन्न-मस्तका।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					छिन्न-मूल					 :
				 | 
				
					वि० [ब० स०] जो जड़ से उखाड़ या काट दिया गया हो।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					छिन्न-रुह					 :
				 | 
				
					पुं० [छिन्न√ रुह (उगना)+क] तिलक नाक वृक्ष।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					छिन्न-रुहा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [छिन्नरुह+टाप्] गुडुची।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					छिन्न-वेशिका					 :
				 | 
				
					स्त्री० [छिन्न-वेश, ब० स० कन्-टाप्, इत्व] पाठा।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					छिन्न-व्रण					 :
				 | 
				
					पुं० [कर्म० स०] चोट, हथियार आदि से शरीर में होनेवाला घाव।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिन्न-श्वास					 :
				 | 
				
					पुं० [कर्म० स०] एक प्रकार का स्वास रोग।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					छिन्नांत्र					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० छिन्न-अंत्र० ब० स०] एक प्रकार का उदर रोग।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिन्ना					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० छिन्न+टाप्] १. गुर्च। २. व्यभिचारिणी स्त्री। छिनाल।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					छिन्नाधार					 :
				 | 
				
					वि० [छिन्न+आधार, ब० स०] १. जिसका आधार कट या टूट चुका हो। उदाहरण–पात हत लतिका वह सुकुमार पड़ी है छिन्नाधार।-पंत। २. निस्सहाय।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिपकली					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० शेप (=दुम) या रोप्यवान्] एक प्रसिद्ध चार पैरों और लंबी दुमवाला सरी-सृप जो दीवारों तथा छतों पर रेंगता है और कीड़े-मकोड़े पकड़कर खाता है।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					छिपना					 :
				 | 
				
					अ० [सं० क्षिप्=डालना] १. दूसरों की दृष्टि से ओझल होने के लिए आड़ के पीछे खड़े होना अथवा किसी गुप्त स्थान में चले जाना। जैसे–चोर अलमारी के पीछे छिप गया था। २. किसी चीज का इस प्रकार ढका जाना कि वह दृश्य न रहे। जैसे–वस्त्र से अंग छिपाना, बादलों में सूर्य छिपना। ३. किसी ऐसे स्थान या स्थिति में होना कि दूसरों को जल्दी उसका पता न लग सके। जैसे–वे छिप-छिपे चालें चलते हैं। ४. जो प्रकट या प्रत्यक्ष न हो। ५. अस्त होना, जैसे–दिन छिपना।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिपाठी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [?] किनारे का भाग।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					छिपाना					 :
				 | 
				
					स० [हिं० छिपना] १. दूसरों की दृष्टि से बचाकर अथवा उनकी दृष्टि से बचाने के लिए किसी (जीव या वस्तु) को आड़ या गुप्त स्थान में रखना। जैसे–यह चित्र मैंने संदूक में छिपा दिया था। २. किसी वस्तु या शरीर के किसी अंग को वस्त्र आदि से ढाँकना। ३. किसी बात की किसी को जानकारी न कराना अथवा न होने देना। जैसे–भेद छिपाना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिपाव					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० छिपाना] छिपने या छिपाने की क्रिया या भाव। दुराव।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिपिया					 :
				 | 
				
					पुं० [?] दर्जी। उदाहरण–अँगिया जो उघड़ी हरेलाल की छिपिया को नइआँ। पुं० =छीपी। स्त्री० [हिं० छीपा] छोटा छीपा या डलिया।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिपी					 :
				 | 
				
					पुं०=छीपी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिपे-छिपे					 :
				 | 
				
					क्रि० वि० [हिं० छिपना] इस प्रकार गुप्त रूप से कि दूसरों को पता न चले।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिप्र					 :
				 | 
				
					क्रि० वि०=क्षिप्र।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					छिमता					 :
				 | 
				
					स्त्री०=क्षमता।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) स्त्री०=क्षमा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छियना					 :
				 | 
				
					अ० [हिं० छीजना] क्षीण होना। उदाहरण–काम दंभ मद श्रवण छिया है।-निराला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिया					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हिं० छी] गुह मल। मुहावरा–छिपा छरद करना=गुह और वमन की तरह घृणित समझकर दूर हटाना उदाहरण–जो छिपा छरद करि सकल संतति तजी तासौं मैं मूढ़-मति प्रीति ठानी।–सूर। स्त्री० [?] युवती।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छियाज					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० ब्याज का अनु०] ब्याज की रकम पर भी जोड़ा जाने वाला ब्याज। कटुआँ ब्याज।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छियानवे					 :
				 | 
				
					वि० [सं० षण्णवति] जो गिनती में नब्बे से छः अधिक हो। उक्त की सूचक संख्या---९६।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छियालीस					 :
				 | 
				
					वि० [सं० षट्चत्वारिंशत्; प्रा० छायालीसम्] जो गिनती में चालीस से छः अधिक हो। पुं० उक्त की सूचक संख्या---४६।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छियासठ					 :
				 | 
				
					वि० [सं० षट्षष्टि, प्रा० छसठि, छवठिठ्म्] जो साठ से छः अधिक हो। पुं० उक्त की सूचक संख्या–६६।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छियासी					 :
				 | 
				
					वि० [सं० षड शीति; या छड़सीति; प्रा० छबसीईअँ] जो गिनती में अस्सी से छः अधिक हो। पुं० उक्त की सूचक संख्या---८६।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिरकना					 :
				 | 
				
					स०=छिड़कना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिरना					 :
				 | 
				
					अ०=छिड़ना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) अ०=छिड़ना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) स०=छीलना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिरिआना					 :
				 | 
				
					अ० दे० ‘छिटकना’। उदाहरण–उघसल केस कुसुम छिरिआयल।–विद्यापति।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिलक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० तिलक] तिलक नामक वृक्ष।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिलकना					 :
				 | 
				
					स०=छिड़कना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिलका					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० छिल्लक] वह आवरण जिसके अंतर्गत फल का सार भाग रहता है। फल की त्वचा। जैसे केले या सेब का छिलका।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिलन					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हिं० छिलना] १. छिलने या छीलने की क्रिया या भाव। २. शरीर के किसी अंग की त्वचा रगड आदि के कारण छिल जाने से होनेवाला घाव।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिलना					 :
				 | 
				
					अ० [हिं० छीलना] १. फलों आदि का छिलका उतारा जाना। २. वृक्ष आदि की छाल उतारी जाना। ३. पशु आदि की खाल मांसल भाग पर से उतारी जाना। ४. शरीर के किसी अंग में रगड़ लगने से त्वचा का उतर जाना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिलवाना					 :
				 | 
				
					स० [हिं० छीलना का प्रे० रूप] छीलने का काम दूसरे से कराना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिलाई					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हिं० छीलना] छिलने या छीलने की क्रिया या भाव। छीलने की मजदूरी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिलाना					 :
				 | 
				
					स० [हिं० छीलना का प्रे०] छीलने का काम दूसरे से कराना। अ=छिलना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					छिल्लड़					 :
				 | 
				
					छिलका।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |