शब्द का अर्थ
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छलन :
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पुं० [सं० छल+णिच्+ल्युट्-अन] छलने की क्रिया या भाव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छलना :
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स्त्री० [सं० छल+णिच्+युच्-अन, टाप्] १. किसी को छलने अर्थात् धोखा देने की क्रिया या भाव। २. वह काम, चीज या बात जिसका उद्देश्य ही दूसरों को छलना या धोखा देना हो। जैसे–यह सारी सृष्टि ही छलना है। स० [सं० छलन] १. छलपूर्ण आचरण या व्यवहार करना। धोखा देना। भुलावे में डालना। २. अपने गुण, रूप आदि का ऐसा प्रदर्शन करना कि उसकी आड़ में किसी का कुछ हर लिया जाय। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छलनी :
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स्त्री० [सं० क्षरण] १. आटा, आदि चालने का छेदोंवाला या जालीदार छोटा उपकरण। चलनी। मुहावरा–छलनी में डालकर छाज उड़ाना=छोटी बात को बड़ी बात करना। २. ऐसी चीज जिसमें उक्त प्रकार के बहुत से छोटे-छोटे छेद हों। जैसे–काँटा में चलते-चलते पाँव छलनी हो गये। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |