| शब्द का अर्थ | 
					
				| चौंध					 : | स्त्री० [सं०√चक चमकना या चौं चारों ओर+अंध] प्रखर और प्रायः क्षणिक प्रकाश की वह स्थिति जिसे नेत्र सहसा सहन नहीं कर पाते और इसलिए क्षण भर के लिए मुँद जाते हैं। क्रौध। चकाचौंध। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| चौंधना					 : | अ० [हिं० चौंध] किसी वस्तु का क्षणिक किन्तु प्रखर प्रकाश से युक्त होना। कौंधना। चमकना। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| चौंधियाना					 : | अ० [हिं० चौंध] नेत्रो का, किसी वस्तु के चौंधने पर स्वतः पलकें झपकने लगना (जिसके कारण कोई चीज ठीक प्रकार से सुझाई नहीं पड़ती) स० ऐसा काम करना जिससे किसी की आँखे प्रकाश के कारण क्षण भर के लिए झपक या मुँद जाएँ। किसी की आँखों में चौंध उत्पन्न करना। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| चौंधियारी					 : | स्त्री० दे० ‘कस्तूरी’। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| चौंधी					 : | स्त्री०=चौंध। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |