| शब्द का अर्थ | 
					
				| चोष					 : | पुं० [सं०√चि (चयन)+ड, च-उप, कर्म० स०] पार्श्व या बगल में जलन होने का एक रोग। (भाव प्रकाश)। | 
			
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				| चोषक					 : | वि० [सं०√चूष (चूसना)+ण्वुल्-अक, आर्ष, गुण] चोषण करने अर्थात् चूसनेवाला। | 
			
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				| चोषण					 : | पुं० [सं० चूष्+ल्युट-अन, आर्ष० गुण] चूसने की क्रिया या भाव। चूसना। | 
			
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				| चोषना					 : | स० [सं० चोषण] चूसना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| चोष्य					 : | वि० [सं०√चूष्+ण्यत्, आर्ष०] १. जो चूसा जा सके। २. जो चूसा जाने को हो। | 
			
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