| शब्द का अर्थ | 
					
				| चोब					 : | स्त्री० [फा०] १. शामियाना खड़ा करने का बड़ा खंभा या बाँस। २. वह पतली लकड़ी या खमाची जिससे नगाड़े पर आघात किया जाता है। ३. मोटा डंडा विशेषतः वह मोटा डंडा जिस पर सोने या चाँदी का पत्तर चढ़ा या लगा हो। | 
			
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				| चोबकारी					 : | स्त्री० [फा०] जरदोजी। | 
			
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				| चोबचीनी					 : | स्त्री० [फा० चोब+हि० चीनी] (चीन देश का) चीन देश में होनेवाली एक लता जिसकी जड़ औषध के काम आती है। | 
			
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				| चोबदार					 : | पुं० [फा०] [भाव० चोबदारी] वह दरबान या नौकर जिसके हाथ में चोब (मोटा डंडा) रहता हो। | 
			
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				| चोबदारी					 : | स्त्री० [फा०] चोबेदार का काम या पद। | 
			
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				| चोबा					 : | पुं० [फा० चोब] १. उबाले हुए चावल। भात। २. दे० चोअ। पुं० चौबे। (पंजाब)। | 
			
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				| चोबी					 : | वि० [फा०] लकड़ी का बना हुआ। जैसे–धोबी इमारत या मकान। | 
			
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