| शब्द का अर्थ | 
					
				| चोंच					 : | स्त्री० [सं० चंचु] १. पक्षियों के मुँह का नुकीला और प्रायः लंबोतरा भाग जिसमें उनके जबड़ों पर सींग की तरह का कड़ा आवरण रहता है। जैसे–कबूतर, चील या तोते की चोंच। २. लाक्षणिक अर्थ में, ऐसा व्यक्ति या उसका मुँह जो कोई अनुचित, असंगत या विरुद्ध बात कहने को हो या कहता हो। मुहावरा–चोंच बंद करना या कराना भय आदि के कारण स्वंय चुप हो जाना अथवा भय दिखाकर किसी को कुछ कहने से रोकना। (किसी से दो-दो) चोंच होना कुछ हलकी कहा सुनी या झड़प हो जाना। | 
			
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				| चोंचला					 : | पुं०=चोंचला। | 
			
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				| चोंचना					 : | स० [अनु०] १. किसी चीज में से उसका कुछ अंश बुरी तरह से काट, नोच या बकोटकर निकालना। २. लाक्षणिक रूप में किसी का धन बुरी तरह से और जबरदस्जी उसेस लेना। | 
			
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