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			| शब्द का अर्थ |  
				| चूकना					 : | अ० [सं० च्युत कृत] १. भूल करना। २. कहने, पढ़ने, लिखने आदि के समय कोई अक्षर शब्द, पद, बात आदि प्रायः असावधानी या विस्मृति के कारण छोड़ देना। जैसा होना चाहिए उससे भिन्न कुछ और कर या कह जाना। ३. किसी लक्ष्य पर ठीक प्रकार से संधान न कर पाना। निशाना या वार खाली जाना। ४. असावधानी, उपेक्षा आदि के कारण किसी सुअवसर का सदुपयोग करने से रह जाना। ठीक समय पर लाभ न उठा पाना। ५. न रह जाना। समाप्त होना। चुकना। उदाहरण–सतगुरु मिलै अँधेरा चूकै।–कबीर। |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
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