| शब्द का अर्थ | 
					
				| चीख					 : | स्त्री० [अनु०] १. तीव्र और कर्णकटु ध्वनि। जैसे–इंजन की चीख। २. भय अथवा अधिक पीड़ा या व्यथा के कारण निकलने वाली उच्च या तीव्र ध्वनि या शब्द। जैसे–बच्चे की चीख निकल गई। मुहावरा–चीख मारना=कष्ट या पीड़ा के समय जोर से चिल्लाना। | 
			
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				| चीखना					 : | सं० चखना। (खाने की चीज)। अ० चीकना। (चिल्लाना)। | 
			
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				| चीख-पुकार					 : | स्त्री० [हिं०] कष्ट के समय रक्षा, सहायता आदि के लिए चिल्लाकर मचाई जानेवाली पुकार। | 
			
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				| चीखर(ल)					 : | पुं० [हिं० चीकड़ (कीचड़)] १. कीच। कीचड़। २. गारा। (डि०) | 
			
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