| शब्द का अर्थ | 
					
				| चीक					 : | स्त्री०=चीख। पुं०=चिक (बूचड़)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) पुं० कीच (कीचड़)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| चीकट					 : | पुं०, वि० चिक्कट। पुं० [हिं० कीचड़] १. मटियार भूमि। २. कीचड़। पुं०=चिकट (रेशमी कपड़ा)। | 
			
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				| चीकड़					 : | पुं० कीचड़।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| चीकन					 : | वि० चिकना। | 
			
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				| चीकना					 : | अ० [सं० चीत्कार] १. पीड़ा या कष्ट आदि के कारण जोर से चिल्लाना। चीत्कार करना। चीखना। २. बहुत जोर से चिल्लाकर कुछ कहना या बोलना। ३. बहुत जोर से कर्णकटु शस्त्र करना। जैस–कुत्तों का चीकना वि० [स्त्री० चीकनी]=चिकना। | 
			
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				| चीकर					 : | पुं० [देश०] १. कुएँ के ऊपर का वह स्थान जिसमें मोट या चरस आदि से निकाला हुआ पानी गिराया जाता है। | 
			
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