| शब्द का अर्थ | 
					
				| चीं					 : | स्त्री० [अनु०] १. चिड़ियों के बोलने का शब्द। २. कष्ट या के समय किसी दीन के मुँह से निकलनेवाला उक्त प्रकार का शब्द। मुहावरा–चिं० बोलना=असमर्थता और दीनता के सूचक लक्षण दिखाना। | 
			
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				| चींचख					 : | स्त्री० [अनु०] चिल्लाहट। उदाहरण–उल्लुओं की चींचख सोना को नहीं सुहाती थी।–वृदांवनलाल वर्मा। | 
			
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				| चीं-चपड़					 : | स्त्री० [अनु०] वह हल्का प्रतिवाद या विरोध जो किसी कड़े या सबल के सामने किया जाय। जैसे–उसने बिना चीं-चपड़ किये सारा अत्याचार सह लिया। | 
			
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				| चीं-चीं					 : | स्त्री० [अनु०] १. पक्षियों अथवा छोटे बच्चों का बहुत ही कोमल और दीनता सूचक शब्द। २. धीमे स्वर में की जानेवाली बातें। | 
			
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				| चींटवा					 : | पुं०=चींटा (च्यूँटा)। | 
			
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				| चींटा					 : | पुं० [स्त्री० चींटी] =च्यूँटा। | 
			
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				| चींतना					 : | स० [सं० चित्रण] अंकित या चित्रित करना। चित्र बनाना या लिखना। चित्रना। अ०=चीतना। | 
			
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				| चींथना					 : | स०=चीथना। | 
			
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