| शब्द का अर्थ | 
					
				| चाला					 : | पुं० [हिं० चाल] १. चलने या प्रस्थान करने की क्रिया या भाव। २. दुल्हिन का पहली बार अपने मायके से ससुराल अथवा ससुराल से मायके जाने की क्रिया। उदा०–चाले की बातें चलीं सुनत सखिन के टोला।–बिहारी। ३. वह दिन या समय जो किसी दिशा में रवाना होने के लिए शुभ समझा जाता है। जैसे–रविवार को पश्चिम का चाला नहीं है बल्कि सोमवार को है। ४. एक प्रकार का औपचारिक कृत्य जो मृतक की षोडशी आदि हो जाने पर रात के समय किया जाता है। ५. दे० ‘चलौआ’। | 
			
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				| चालाक					 : | वि० [फा०] [भाव० चालाकी] १. कौशलपूर्ण ढंग से कोई काम करनेवाला। होशियार। २. व्यवहार-कुशल। सूझ-बूझ वाला। समझदार। ३. चालबाज। धूर्त्त। | 
			
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				| चालाकी					 : | [फा०] १. चालाक होने की अवस्था या भाव। चतुराई। व्यवहार-कुशलता। दक्षता। २. चालबाजी। धूर्त्तता। मुहा०–चालाकी खेलना=धूर्त्तता-पूर्ण चाल चलना। ३. कौशल या होशियारी से मिली हुई युक्ति। | 
			
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				| चालान					 : | पुं० चलान (देखें)। | 
			
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				| चालानदार					 : | पुं०=चलानदार। | 
			
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