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चरना  : अ० [सं० पा० चरति, प्रा० चरण, बँ० चरा, उ० चरिबा, पं० चरना, सि० चरणु, गु० चरबूँ, ने० चर्नु, मरा० मि० फा० चरीदन] १. पशुओं का घास आदि खाने के लिए खेतों और मैदानों में फिरना। जैसे–मैदान में गौएँ चर रही हैं। मुहावरा–अक्ल का चरने जानादे दे० ‘अक्ल’ के मुहा। २. इधर-उधर घूमना-फिरना या चलना। विचरण करना। स० १. पशुओं का खेतों आदि में उगी हुई घास, पौधे आदि खाना। जैसे–घोड़े घास चर रहे हैं। २. (व्यक्तियों का) अभद्रतापूर्वक तथा जल्दी-जल्दी खाना। पुं० [?] काछा। क्रि० प्र० -काछना। ३. सुनारों का वह औजार जिससे वे नक्काशी करते समय सीधी लकीरें बनाते हैं। चरनायुध
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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