| शब्द का अर्थ | 
					
				| चरत					 : | पुं० [हिं० बरत (व्रत) का अनु० अथवा हिं० चरना से] १. व्रत या उपवास के दिन व्रत न रखकर या उपवास न करके सब कुछ खाना-पीना। २. ऐसा दिन जिसमें मनुष्य नियमित रूप से अन्न आदि खाता पीता हो। | 
			
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				| चरता					 : | स्त्री० [सं० चर+चल्-टाप्] चर होने की अवस्था या भाव। पृथ्वी। | 
			
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				| चरतिरिया					 : | स्त्री० [देश०] मिरजापुर जिले में होनेवाली एक प्रकार की कपास।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| चरती					 : | पुं० [हिं० चरत] व्यक्ति, जिसने व्रत न रखा हो। व्रत के दिन भी नियमित रूप से अन्न आदि खानेवाला। | 
			
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				| चरत्व					 : | पुं० [सं० चर+त्व] चर होने की अवस्था या भाव। चरता। | 
			
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