| शब्द का अर्थ | 
					
				| चबक					 : | स्त्री० [अनु०] रह-रहकर उठने वाला दर्द। चिलक। टीस। वि० कायर। डरपोक। | 
			
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				| चबकना					 : | अ० [अनु०] रह-रहकर दर्द करना। टीसना। चमकना। | 
			
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				| चबका					 : | पुं० =चाबुक। उदाहरण–सहज पलांण पवन करि घोड़ा, लै लगाम चित चबका।-गोरखनाथ। | 
			
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				| चबकी					 : | स्त्री० [हिं० चाबुक] स्त्रियों के केश बाँधने की सूत या ऊन की गुथी हुई रस्सी। चोटी। पराँदा। | 
			
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