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			| शब्द का अर्थ |  
				| चतुस्सम					 : | पुं० [सं० चतुर-सम, ब० स०] १. एक औषध जिसमें लौंग, जीरा, अजवाइन और हड़ बराबर मात्राओँ में मिलाये जाते हैं। यह पाचक, भेदक और आमशूल नाशक कहा गया है। २. एक मिश्रित गंध द्रव्य जिसमें ३ भाग कस्तूरी, ४ भाग चंदन, ५ भागकुकुंम और ६ भाग कपूर मिला रहता है। वि० १. जिसमें चार चीजें बराबर मिली हों। २. जो चारों ओर अथवा प्रकार से बराबर हो। |  
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				| चतुस्सम्प्रदाय					 : | पुं० [सं० चतुर-सम्प्रदाय, द्विगुस] वैष्णवों के ये चार प्रधान संप्रदाय-श्री, माध्व, रुद्र और सनक। |  
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