| शब्द का अर्थ | 
					
				| चतुर्थी					 : | स्त्री० [सं० चतुर्थ+ङीष्] १. चांद्रमास के किसी पक्ष की चौथी तिथि। चौथ। २. संस्कृत व्याकरण में संप्रदान कारक या उसमें लगनेवाली विभक्ति। | 
			
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				| चतुर्थी-कर्म(र्मन्)					 : | पुं० [मध्य० स०] विवाह के चौथे दिन के कृत्य जिनमें स्थानिक देवता, नदी आदि के पूजन होते हैं। | 
			
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				| चतुर्थी-क्रिया					 : | स्त्री० [मध्य० स०] किसी की मृत्यु के चौथे दिन होनेवाले कृत्य। | 
			
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				| चतुर्थी-तत्पुरुष					 : | पुं० [तृ० त०] तत्पुरुष समास का वह प्रकार या भेद जिसमें चौथी विभक्ति का लोप होता है। | 
			
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