| शब्द का अर्थ | 
					
				| चंपक					 : | पुं० [सं०√चंप्+ण्वुल्-अक] १.चंपा। २. चंपाकली। ३. चंपा केला। ४. सांख्य में एक सिद्धि जिसे रम्यक भी कहते हैं। ५. संपूर्ण जाति का एक राग जो रात के दूसरे पहर में गाया जाता है। | 
			
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				| चंपक-माला					 : | पुं० [ष० त०] १. चंपक के फूलों की माला। २. चंपाकली। ३. चार चरणों का एक वर्ण वृत्त जिसके प्रत्येक चरण में क्रमशः भगण, मगण, सगण और गुरु होता है। | 
			
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				| चंपक-रंभा					 : | स्त्री० [मध्य० स०] चंपा केला। | 
			
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				| चंपकली					 : | स्त्री०=चंपाकली। | 
			
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				| चंपकारण्य					 : | पुं० [चंपक-अरण्य, मध्य० स०] आधुनिक चम्पारन का पुराना नाम। | 
			
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				| चंपकालु					 : | पुं० [सं० चंपक√अल् (भूषित करना)+उण्] जाक या रोटी फल का पेड़। | 
			
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				| चंपकावती					 : | स्त्री० [सं० चंपक+मतुप्, वत्व० ङीष्, दीर्घ] चंपापुरी। | 
			
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