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घोटना  : स० [सं० घृष्ट√घृष्, घट्ट; उ० घोटिबा; पं० घोटणा; सिं० घोटणू, मरा० घोटणें] १. किसी कड़ी वस्तु को किसी दूसरी पर वस्तु पर इस प्रकार मलना या रगड़ना कि वह चमकीली या चिकनी हो जाय। जैसे–कपड़ा या दीवार घोटना। २. पत्थर, लकड़ी लोहे आदि के किसी उपरकरण से किसी वस्तु को इस प्रकार दबाना या रगड़ना कि वह चूर-चूर या बहुत महीन हो जाय। जैसे–भाँग घोटना, मोती घोटना। ३. किसी का गला इतने जोर से दबाना कि वह मर जाय या उसका दम घुटने अर्थात् रुकने लगे। ४. कुछ सीखने में किसी बात का अभ्यास या मश्क करना। जैसे–पटिया पर अक्षर घोटना। ५. मुँह जबानी याद करना। जैसे–पाठ घोटना। ६. उस्तरे, आदि से बाल साफ करना। जैसे–दाढ़ी घोटना। पुं० [सं० घोटनी] १. वह वस्तु जिससे कोई चीज घोटी जाय। घोटने का उपकरण। २. लकड़ी का वह कुंदा जो जमीन में कुछ गड़ा रहता है और जिस पर रखकर रँगे कपड़े घोटे जाते हैं। (रँगरेज)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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