लोगों की राय

शब्द का अर्थ खोजें

शब्द का अर्थ

गरँऊँ  : पुं० [देश०] चक्की के चारों ओर बना हुआ मिट्टी का घेरा जिसमें पिसा हुआ आटा आदि गिरता है। उदाहरण–गरँऊँ चून बिन सागर रीता, बाहु कहे पीसत दिन बीता।–ग्राम्यगीत।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर  : पुं० [सं०√गृ(लीलना)+अच्] १. प्राचीन भारत में एक प्रकार का कडुआ और मादक पेयपदार्थ। २. एक प्रकार का रोग। ३. रोग। बीमारी। ४. विष। ५. वत्सनाभ। बछनाग। ६. ज्योतिष में ग्यारह करणों में से पाँचवा करण। वि० रोगी। पुं० [हिं० गला] गरदन। गला। प्रत्यय-[सं० कर (कर्त्ता) से फा०] एक प्रत्यय जो कुछ शब्दों के अंत में लगकर ये अर्थ देता है–(क) कोई काम करनेवाला अथवा कोई चीज बनाने वाला। जैसे–कारीगर, सिकलीगर, सौदागर आदि। और (ख) किसी से युक्त होने के भाव का सूचक होता है। उदाहरण–जोई गर, बँसगर, बुझगर भाई।–घाघ। अव्य० [फा० अगर का संक्षिप्त रूप] अगर। यदि।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरई  : स्त्री० [देश०] एक प्रकार की छोटी मछली।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरक  : वि० [अ० ग़र्क] १. डूबा हुआ। निमग्न। २. जो नदी आदि में डूबकर मर गया हो। ३. नष्ट। बरबाद। ४. मग्न। लीन।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरगज  : पुं० [हिं० गढ़+गजग] १. वास्तु में, वह चौड़ा और बड़ा ढलुआ रास्ता जिस पर हाथी आ जा सकते हों। २. किले का बुर्ज। ३. वह ऊँची भूमि या टीला जहाँ से शत्रु का पता लगाया जाता है। ४. नाव की छत। ५. फाँसी की टिकठी। वि० बड़ा तथा शक्तिशाली। जैसे–गरगज घोड़ा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरगरा  : पुं० [अनु०] गराड़ी। घिरनी। (लश०)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरगवा  : पुं० [देश०] १. नर गौरैया। चिड़ा। २. एक प्रकार की घास।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरगाब  : पुं० वि०=गरकाब।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर-चे  : अव्य० [फा० अगरचे] यद्यपि।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरज  : स्त्री० [सं० गर्जन] १. गरजने की क्रिया या भाव। २. बहुत गंभीर या घोर शब्द। जैसे–बादल या सिंह की गरज। स्त्री० [अ०] १. किसी उद्देश्य या प्रायोजन की सिद्धि के लिए मन में होनेवाली स्वार्थजन्य इच्छा। मुहावरा–(अपनी) गरज गाँठना=अपना स्वार्थ सिद्ध करना। पद-गरज का बावल=स्वार्थांध। २. आवश्यकता। जरूरत। अ० य० १. इतना होने पर। आखिरकार। २. तात्पर्य यह है कि।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरजन  : पुं० [सं० गर्जन] गरजने की क्रिया या भाव। गरज।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरजना  : अ० [सं० गर्ज्; प्रा० गज्ज; सिं० गाज; गु० गाजबूँ; पं० गज्जणा; मरा० गाज (णें)] १. गंभीर तथा घोर शब्द करना। जैसे–बादल या सिंह का गरजना। २. (किसी वस्तु का) चटकना, तडकना या फूटना। जैसे–मोती गरजना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरजुआ  : पुं० [हिं० गरजना] एक प्रकार की खुमी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरजू  : वि० =गरजमंद।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरट  : पुं० [सं० ग्रंथ] झुंड। समूह। उदाहरण–गजनि गज्जि गंजे गरट, रहे रोहि रण रंग।–चंदवरदाई।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरटना  : अ० [हिं० गरट] (पशुओं का) झुंड बनाकर चलना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरट्ट  : पुं० =गरट।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरट्टना  : अ० =गरटना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरण  : पुं० [सं०√गृ+ल्युट्-अन] निगलने की क्रिया या भाव।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरथ  : स्त्री०=गथ (धन या पूँजी)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरथिना  : स०=गूँथना। उदाहरण–इह करि रुक्रंन कुंडलि करहि गरथि माल पुहवै घनिय।–चंदवरदाई।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरद  : वि० [सं०गर√दा (देना)+क] जहर या विष देनेवाला। पुं० जहर। विष। स्त्री० [फा० गर्द] १. धूल। राख। २. मटमैले रंग का एक प्रकार का रेशमी कपड़ा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरदन  : स्त्री० [फा०] १. जीवों प्राणियों आदि के धड़ और सिर के बीच का अंग। ग्रीवा। गला। मुहावरा-गरदन उठाना=विरोध करना। (तलवार से ) गरदन उड़ाना=सिर काटना। गरदन उतारना या काटना= (क) सिर काटना। (ख) बहुत बड़ी हानि करना। (किस की) गरदन झुकना=(क) बे-सुध या बेहोश होना। (ख) मर जाना। (किसी के आगे) गरदन झुकना=(क) अधीन होना। (ख) लज्जित होना। (किसी के) आगे गरदन झुकाना=(क) आत्मसमर्पण करना। (ख) लज्जित होकर सिर नीचा करना। गरदन ढलकना या ढलना=मरने के बहुत समीप होना या मर जाना। (किसी का) गरदन न उठाना=बीमारी के कारण बिलकुल चुप-चाप या बे-सुध पड़े रहना। (किसी की) गरदन नापना=गरदन में पकड़कर किसी को धक्का देते हुए बाहर निकालना। (अपनी) गरदन पर खून लेना=हत्या का अपराधी या दोषी बनना। (अपनी) गरदन पर जूआ रखना=मुसीबत मोल लेना। गरदन फँसना=संकट में पड़ना। गरदन मरोड़ना=गला दबाकर किसी को मार डालना। गरदन मारना=सिर काटना। गरदन में हाथ देना या डालना=कहीं से निकाल बाहर करने के लिए गरदन पकड़ना। गरदनियाँ देना। २. वह आड़ी लंबी लकड़ी जो जुलाओं की लपेट के दोनों सिरों पर आड़ी साली जाती है। साल। ३. गगरा लोटा आदि बरतनों का गरदन के आकार का ऊपरी गोल भाग।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरदन-घुमाव  : पुं० [हिं० गरदन+घुमाना] कुश्ती का एक पेंच।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरदन-तोड़  : पुं० [हिं० गरदन+तोड़ना] कुश्ती का एक दाँव।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरदन-तोड़ बुखार  : पुं० [हिं०+फा०] एक प्रकार का संक्रामक और सांधातिक ज्वर।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरदन-बंद  : पुं=गुलूबंद।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरदन-बाँध  : पुं० [हिं० गरदन+बाँधना] कुश्ती का एक पेंच।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरदना  : पु० [हिं० गरदन] १. मोटी गरदन। २. गरदन पर किया जानेवाला आघात। ३. गरदन पर का मांस। (कसाई)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरदनियाँ  : स्त्री० [हिं० गरदन+इया (प्रत्यय)] किसी की गरदन को हाथ से पकड़कर उसे धक्का देते हुए कहीं से तिरस्कारपूर्वक बाहर निकालना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरदनी  : स्त्री० [हिं० गरदन] १. सिले हुए कपड़े का वह अंश जो गले के चारों ओर पड़ता हैं। गरेबान। २. गले में पहनने की वह हँसली (गहना)। ३. घोड़े की पीठ पर डाला जानेवाला कपड़ा जो एक ओर उसकी गरदन में बँधा रहता है। ४. कुश्ती में कोहनी और पहुँचे के बीचवाले अंश से विपक्षी की गरदन पर किया जानेवाला आघात। कुंदा। घस्सा। रद्दा। ५. कुश्ती का एक पेंच। ६. दीवार के ऊपर की कंगनी। कारनिस। ७. दे० ‘गरदनियाँ’।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर-दर्प  : पुं० [ब० स०] भुजंग। साँप।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरदा  : पुं० [फा० गर्द] हवा के साथ उड़नेवाली धूल या मिट्टी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरदान  : वि० [फा०] १. घूम-फिरकर एक ही स्थान पर आनेवाला। २. एक ही बिंदु या स्थान के चारों ओर घूमनेवाला। पुं० १. शब्दों का रूप साधन। २. वह कबूतर जो घूम-फिर कर पुनः अपने स्थान पर आ जाता है। ३. चक्कर। फेर।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरदानना  : स० [फा० गरदान] १. व्याकरण में किसी शब्द के भिन्न-भिन्न विकारी रूप बनाना या बतलाना। २. विस्तारपूर्वक और कई बार समझाकर कोई बात कहना। उद्धरणी करना। ३. ध्यान देना या महत्वपूर्ण समझना। जैसे–हम तुम्हें क्या गरदानते हैं।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरदी  : वि० [हिं० गरद] गरद नाम के कपड़े की तरह का मटमैला या पीला। टसरी। पुं० उक्त प्रकार का रंग। टसरी। (ड्रैब)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरदुआ  : पुं० [हिं० गरदन] पशुओं का होनेवाला एक प्रकार का ज्वर।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरधरन  : पुं० [सं० गरलधर] विष को धारण करनेवाला, शिव।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर-ध्वज  : पुं० [ब० स०] अभ्रक।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरना  : अ० [हिं० ‘गारना’ का अ०] १. गारा या निचोड़ा जाना। निचुड़ना। २. किसी चीज के निकल जाने पर उससे रहित या हीन होना। अ० १. =गड़ना। २. =गलना। उदाहरण–रकत न रहा विरह-तन गरा।–जायसी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरनाल  : स्त्री० [हिं० गर+नली] चौड़े मुँह की एक प्रकार की तोप। घननाल।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर-प्रिय  : पुं० [ब० स०] शिव।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरब  : पुं० १. =गर्व। (अभिमान)। २. =गर्भ।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरबई  : स्त्री०=गर्व।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरब-गहेला  : वि० [सं० गर्व-अभिमान+सं० गृहीत, प्रा० गहिल्ल] [स्त्री० गरब-गहेली] बहुत गर्व करनेवाला। अभिमानी। घमंडी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरबना  : अ० [सं० गर्व] गर्व करना। इतराना। उदाहरण–कबीर कहा गरबियौ काल गहै रे केस।–कबीर।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरबा  : पुं० [देश०] [गुज० गरबा=घड़ा] एक प्रकार का गुजराती लोक-नृत्य जिसमें बहुत सी स्त्रियाँ कमर या सिर पर घड़ा रखकर तथा घेरा बनाकर नाचती हैं।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरबाना  : अ० [सं० गर्व] घमंड में आना। अभिमान करना। शेखी करना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरबित  : वि०=गर्वित।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरबीला  : वि० [सं० गर्व] जिसे गर्व हो। अभिमानी। घमंडी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरभ  : पुं० १. =गर्भ। २=गर्व।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरभदान  : पुं० १=गर्भ। २=गर्भाधान।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरभाना  : अ० [हिं० गर्भ] १. गर्भ धारण करना। २. गर्भवती होना। ३. गेहूँ जौ, धान आदि के पौधों में बाल लगना। स० गर्भ धारण कराना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरभी  : वि० [सं० गर्वी] अभिमानी। घमंडी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरम  : वि० [सं० धर्म से फा० गर्म] [क्रि० गरमाना, भाव, गरमाहट, गरमी] १. (पदार्थ) जिसका ताप-मान जीवों या प्राणियो के सहज और स्वाभाविक ताप-मान से कुछ अधिक हो। जैसे–नहाने का गरम पानी, दोपहर की गरम हवा। २. (प्राणी या शरीर) जिसका ताप-मान सहज या स्वाभाविक से कुछ अधिक या ऊपर हो। उस प्रकार का जैसा ज्वर या बुखार में होता है। जैसे–रोज संध्या को इसका बदन गरम हो जाता है। ३. (शरीर) जिसमें सहज और स्वाभाविक ताप-मान वर्तमान हो। प्रसम ताप-मानवाला। जैसे–शरीर का गरम रहना जीवन का लक्षण है। ४. (पदार्थ) जो अग्नि, धूप आदि के संयोग से जल या तप रहा हो। जिसे छूने से शरीर में जलन होती है। जैसे–कड़ाही (या तवा) गरम है, इसे मत छूना। ५. (पदार्थ) जिसमें विद्युत की धनात्मक या सहिक धारा प्रवाहित हो रही हो। जैसे–बिजली का गरम तार छूना प्राणियों के लिए घातक होता है। ६. (प्रदेश या भू-भाग) जो विषुवत् रेखा पर या उसके पास स्थित हो और इसी लिए जहाँ गरमी अपेक्षया अधिक पड़ती हो। जैसे–अरब, चीन, भारत आदि गरम देश हैं। ७. (औषध या खाद्य पदार्थ) जो शरीर के अंदर पहुँचकर उष्णता या ताप उत्पन्न करता हो। जिसकी तासीर या प्रभाव तापकारक हो। जैसे–जायफल, मिर्च, लौग आदि मसाले गरम होते हैं। ८. (पदार्थ) जो शरीर के ऊपरी भाग पर से शीत का प्रभाव कम करके उसमें हलकी उष्णता या ताप लाता हो। जैसे–जाड़े में सब लोग गरम कपड़े पहनते हैं। ९. (प्रकृति या स्वभाव) जिसमें उग्रता, क्रोध, द्वेष आदि तीव्र बातें अधिक प्रधान तथा प्रबल रहतीं हों। जैसे–वे गरम मिजाज के आदमी हैं। मुहावरा–(किसी से) गरम पड़ना या होना=आवेश या क्रोध में आकर किसी से लड़ने-झगड़ने पर उतारू होना। १॰. जो किसी रूप में उग्र, उत्कट या तीव्र हो अथवा जो किसी कारण से ऐसा हो गया हो। जैसे–तुम्हारी ऐसी ही बातों से हमारा मिजाज गरम हो जाता है। ११. (मादा पशु) जो काम-वासना के वश में होकर गर्भ धारण करने के लिए उत्सुक या उपयुक्त हों। जैसे–कुतिया या गौ का गरम होना। १२. जिसमें आवेश, उत्साह, तीव्रता आदि बातें यथेष्ट मात्रा में हों। जिसमें अभी तक किसी प्रकार की मंदता, शिथिलता, ह्रास आदि के लक्षण न दिखाई देतें हों। जैसे–(क) अभी तुम्हारा खून गरम है, जब बड़े होगे तब तुममें सहनशीलता आवेगी। (ख) अभी यह मसाला (या विवाद) इतना गरम है कि इसका निपटारा हो ही नहीं सकता। १३. (चर्चा या बात) जिसका यथेष्ट प्रचलन हो। जैसे–आज शहर में एक नई खबर गरम है। १४. बिलकुल तुरंत या हाल का। बहुत ही ताजा। जैसे–अभी तो चोट गरम है, कुछ देर बाद दरद बढ़ेगा। १५. (बात-चीत) जिसके प्रसंग में कुछ उग्रता उत्तेजना या कटुता आ गई हो। जैसे–संसद में इस विषय में खूब गरम बहस हुई थी। १६. (बाजार या भाव) जिसमें खूब चहल पहल या तेजी हो। जो चलता हुआ या बढती पर हो। जैसे–आज सोने का बाजार गरम है। मुहावरा–(किसी चीज या बात का) बाजार का गरम होना=बहुत अधिकता, तीव्रता या प्रबलता होना। जैसे–(क) आज-कल हैजे का बाजार गरम है। (ख) शहरों में चोरियों का बाजार गरम है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरम-कपड़ा  : पुं० [हिं०] शरीर गरम रखनेवाला और जाड़े में पहनने का कपड़ा। ऊनी अथवा रूईदार कपड़ा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरम-पानी  : पुं० [हिं०] १. वीर्य। शुक्र। (बाजारू) २. मदिरा। शराब।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरम-मसाला  : पुं० [हिं०] भोजन में मिलाई जानेवाली ऐसी चीजें जो उसे चरपरा, पाचक और सुस्वादु बनाती है। जैसे–दालचीनी, धनियाँ मिर्च, लौंग आदि।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरमाहट  : स्त्री० [हिं० गरम+आहट(प्रत्यय)] १. गरम होने की अवस्था या भाव। २. कुछ हलकी गरमी। जैसे–कमरे में अब गरमाहट आयी है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरमाई  : स्त्री० [फा० गरम से पंजाबी] १. गरमी। २. ऐसी वस्तु जिसके उपयोग या सेवन से शरीरिक शक्ति बढती हो। जैसे–जच्चा को गरमाई खिलाओ, तबी वह जल्दी स्वस्थ होगी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरमागरम  : वि० [हिं०+गरम+गरम] १. ऐसा गरम जिसमें अभी ठंडक बिलकुल न आने पायी हो। काफी गरम। जैसे–गरमागरम चाय या दूध। २. बिलकुल ताजा या तुरन्त का। जैसे–गरमागरम खबर। ३. उत्तेजना से युक्त। जैसे–गरमागरम बहस।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरमागरमी  : स्त्री० [हिं०+गरमा+गरम] १. किसी काम में जल्दी से निपटाने या समाप्त करने में होनेवाली तेजी। तत्परता। मुस्तैदी। २. अन-बन या झगड़ा होने की स्थिति या भाव। ३. आवेशपूर्ण कहा-सुनी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरमाना  : स० [फा० गर्म, हिं० गरम+आना (प्रत्यय)] १. कोई चीज आग पर रखकर उसे साधारण या हलका गरम करना। जैसे–पीने के लिए दूध या खाने के लिए ठंडी रोटी गरमाना। २. साधारण उष्णता या ताप से युक्त करना। जैसे–आग तापकर या धूप सेंककर हाथ-पैर गरमाना, रजाई ओढ़कर शरीर गरमाना। ३. ऐसा काम करना या ऐसी स्थिति उत्पन्न करना जिससे किसी में कुछ गरमी (आवेश, उत्तेजना, उत्साह, तीव्रता, प्रसन्नता आदि) उत्पन्न हो। जैसे–(क) कोई तीखी बात कहकर किसी आदमी को गरमाना। (ख) शराब पिलाकर भैसों को गरमाना। (ग) कुछ दूर दौड़ाकर घोड़े को गरमाना। (घ) गवैये का आरंभ में धीरे-धीरे कुछ समय तक गाकर अपना गला गरमाना। ४. किसी से जेब, हाथ आदि के संबंध में उसमें कुछ धन रखकर उसे प्रसन्न या संतुष्ट करना। जैसे–उसने थानेदार (या पेशकार) का जेब (या हाथ) गरमाकर उसे अपने अनुकूल कर लिया। अ० १. साधारण या हलकी उष्णता या ताप से युक्त होना। गरम होना। जैसे–(क) थोड़ी देर आँच पर रहने से दूध या पानी का गरमाना। (ख) आग तापने या कम्बल ओढ़ने से शरीर का गरमाना। २. आवेश, उत्तेजना आदि उग्र अथवा तीव्र मनोंभावों से युक्त होना। जैसे–जरा सी बात पर इस तरह गरमाना अच्छा नहीं होता। ३. किसी आरंभिक या औपचारिक क्रिया के प्रभाव से किसी प्राणी या उसके किसी अंग का तेजी पर आना और ठीक तरह से अपना काम करने के योग्य होना। जैसे–(क) कुछ दूर दौड़ने से घोडे का गरमाना। (ख) कुछ देर तक धीरे-धीरे गा लेने पर गवैये का गला गरमाना। ४. स्वाभाविक रूप से पशुओं आदि का उमंग में आना और काम-वासना से युक्त होना। जैसे–गौ या घोड़े का गरमाना। ५. जेब हाथ आदि के संबंध में रुपये-पैसे की उत्साह-वर्धक या सुकद प्राप्ति होना। जैसे–आज कई दिन बाद इनका जेब (या हाथ) गरमाया है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरमी  : स्त्री० [फा०] १. गरम होने की अवस्था, गुण या भाव। जैसे–आग या धूप की गरमी। २. वर्षा से पहले या बसंत के बाद की ऋतु। ग्रीष्म काल। जेठ-असाढ़ के दिन। जैसे–इस साल गरमी में पहाड़ पर जाने का विचार है। ३. किसी प्रकार का मानसिक आवेग या उमंग। जोश। मुहावरा–(अपनी) गरमी निकालना=मैथुन या संभोग करना। (बाजारू)। (किसी की) गरमी निकालना=ऐसा कार्य करना जिससे किसी का आवेग या क्रोध सदा के लिए अथवा कुछ दिनों के लिए दूर होकर मंद या शांत पड़ जाए। ५. दृष्ट मैथुन से जननेंद्रिय में होने वाला एक भीषण रोग। आतशक या फिरंग रोग। (सिफलिस) ६. घोड़ो और हाथियों को होनेवाला एक प्रकार का रोग। ७. दे० ‘ताप’।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरमीदाना  : पुं० [हिं० गरमी+दाना] अधिक गरमी पड़ने के कारण शरीर पर निकलनेवाले छोटे-छोटे लाल दाने। अँभौरी। पित्ती।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गररा  : पुं० [हिं०+गर्रा] घोड़ों की एक जाति।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरराना  : अ० [अनु०] घोर या भीषण ध्वनि करना। गरजना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गररी  : स्त्री० [देश०] किलँहटी या सिरोही नाम की चिड़ियाँ।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरल  : पुं० [सं०√गृ (निगलना)+अलच्] १. जहर। विष। २. बिच्छू, साँप आदि विषैले क्रीड़ों का जहर। ३. घास का बँधा हुआ पूला।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरल-धर  : वि० [ष० त० ] विष धारण करनेवाला। पुं० १. महादेव। शिव। २. साँप।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरलारि  : पुं० [गरल-अरि, ष० त० ] मरकत मणि। पन्ना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरवा  : पुं० [सं० गुरु] १. भारी। २. महान्। पुं० दे० ‘गला’।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर-व्रत  : पुं० [ब० स०] मयूर। मोर।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरसना  : स०=ग्रसना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरह  : पुं०=ग्रह।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरहन  : पुं० [सं० गर√हन् (नष्टकरना)+क] काली तुलसी। बबरी। पु० =ग्रहण।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरहर  : पुं० [हिं०+गर-गल+हर] वह काठ जो नटखट चौपायों के गले में बाँधकर लटकाया जाता है। कुंदा। ठेकुर।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरहेवड़ा  : पुं० [सं० गवेडुका] कसेई। कौडिल्ला। (पक्षी)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गराँ  : वि० [फा०] १. भारी। वजनी। २. कठिन। ३. अप्रिय। नागवार। ४. महँगा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरांडील  : वि० [फा० गराया अं० ग्रांड?] १. जो लंब-तडंग तथा मोटा-ताजा हो। २. बहुत बड़ा या भारी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गराँव  : स्त्री० [हिं०+गर-गला] पशुओं के गले में बाँधी जानेवाली बटी हुई दोहरी रस्सी जिसके एक सिरे पर मुद्धी और दूसरे सिरे पर गाँठ होती है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरा  : पुं०=गला।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गराऊ  : पुं० [सं० गुरु, पुं० हिं० गुरु गरूअ] पुराना अथवा बूढ़ा भेड़ा। (गँड़ेरियों की बोली)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गराज  : पुं० [अं० गैरेज] मोटर गाड़ी या इसी तरह की और कोई सवारी रखने या रहने का घिरा हुआ स्थान। गिराज। स्त्री० =गरज (गर्जन)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गराड़ी  : स्त्री०=गड़ारी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गराना  : स० १. दे० गलाना। २. दे० गारना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरानी  : स्त्री० [फा०] १. भारीपन। गुरुता। २. महँगी। ३. भोजन न पचने के कारण होनेवाला पेट का भारीपन। स्त्री०=ग्लानि।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरामी  : वि० [फा०] १. बुजुर्ग। वृद्ध। २. प्रसिद्ध। ३. सम्मानित।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरारा  : वि० [सं० गर्व, पुं० हिं० गारो+आर (प्रत्यय)] १. अभिमानी। घमंडी। २. प्रबल। बलवान्। ३. तेज। प्रचंड। पुं० [हिं० घेरा] १. पायजामें की ढीली मोहरी। जैसे–गरारेदार पायजामा। २. ढीली मोहरी का पायजामा। ३. खेमा तंबू आदि भरने का बड़ा थैला। पुं० [अ० गरार, अनु०] १. मुँह में पानी भरकर गर गर शब्द करके कुल्ली करना। २. चौपायों का एक रोग जिसमें उनके गले में घुर-घुर शब्द होता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरारी  : स्त्री० दे० ‘गड़ारी’।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गराव  : पुं० [देश०] मध्य युग की एक प्रकार की बड़ी नाव।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरावन  : पुं० =गड़ावन।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरावना  : स० १. गड़ाना। २. =गलाना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरावा  : पुं० [देश०] ऐसी भूमि जो अधिक उर्वर न हो। कम उपजाऊ जमीन।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरास  : पुं०=ग्रास।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरासना  : स० [सं० ग्रास] १. निगलना। २. दे० ‘ग्रासना’ या ‘ग्रसना’।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरिका  : स्त्री० [सं० गुरु+णिच्, गर् आदेश गरि+कन्-टाप्] नारियल की गरी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरित  : वि० [सं०+इतच्] १. जहर या विष से युक्त। २. जिसमें विष मिलाया गया हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरिमता  : स्त्री० दे० गरिमा। उदाहरण-उरजनि नहिन गरिमता तैसी।–नंददास।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरिमा (मन्)  : स्त्री० [सं० गुरु+इमनिच्, गुरु आदेश] १. गुरुत्व। भारीपन। २. महत्व। महिमा। ३. अहंकार। घमंड। ४. आत्म-श्लाघा। शेखी। ५. आठ सिद्धियों में से एक, जिसके फल-स्वरूप मनुष्य अपने शरीर का भार जितना चाहे, उतना बढ़ा सकता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरिया  : पुं० [देश०] दक्षिण और मध्यभारत में होनेवाला एक प्रकार का वृक्ष।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरियाना  : अ० [हिं० गारी-गाली] गालियाँ देना। दुर्वचन कहना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरियार  : वि० [सं० गुरु-भारी] १. (पशु) जो कहीं बैठ जाने पर जल्दी अपनी जगह से न हिले। फलतः मट्ठर या सुस्त। जैसे–गरियार बैल। २. काम-धंध करने में सुस्त। आलसी। उदाहरण–ढीह पतोहु धिया गरियार।–घाघ।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरियारा  : पुं० =गलियारा। वि० =गरियार।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरियालू  : पुं० [हिं० करिया से करियालू] एक प्रकार का काला नीला रंग जो ऊन रंगने के काम आता है। वि० उक्त प्रकार के रंग का। काला नीला।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरिष्ठ  : वि० [सं० गुरु+इष्ठन्,गर् आदेश] १. बहुत भारी। २. (खाद्य पदार्थ) जो बहुत कठिनता से या देर में पचता हो। ३. महत्वपूर्ण। पुं० १. एक प्राचीन तीर्थ। २. एक दानव का नाम।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरी  : स्त्री० [सं०√गृ(लीलना)+अच्+ङीप्] देवताड़। स्त्री० [सं० गुलिका, प्रा० गुड़िया] १. नारियल के अंदर का वह सफेद मुलायम गूदा जो खाया जाता है। २. किसी कड़े बीज के अंदर का मुलायम और जमा हुआ गूदा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरीब  : वि० [अ० ग़रीब] [स्त्री० गरीबिन गरीबिनी, (क्व०) भाव० गरीबी] १. दीन और नम्र। २. दरिद्र। निर्धन। ३. निरुपाय। बेचारा। पुं० ईरानी संगीत में एक प्रकार का राग।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरीबखाना  : पुं० [फा०] (अपनी नम्रता दिखाने के लिए) इस गरीब (अर्थात् मुझ अकिंचन) के रहने का स्थान। मेरा घर।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरीबनिवाज  : वि० [फा० गरीब+नेवाज़] दोनों पर दया करने और दुःखियों का दुःख दूर करनेवाला। दयालु।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरीबपरवर  : वि० [फा०] गरीबों की परवरिश करनेवाला। गरीबों को पालनेवाला। दीन-पालक।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरीबी  : स्त्री० [अ० गरीब] १. गरीब होने की अवस्था या भाव। २. दीनता। नम्रता। ३. दरिद्रता। निर्धनता।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरीयस्  : वि० [सं० गुरु+ईयसुन,गर् आदेश] [स्त्री० गरीयसी] १. बहुत अधिक भारी। २. बहुत प्रबल और महान्। ३. महत्वपूर्ण।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरु  : वि० [सं० गुरु] १. भारी। वजनदार। २. गौरवशाली। ३. जिसका स्वभाव गंभीर या शान्त हो। धीर।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरुअत्त  : वि० [सं० गुरु] बड़ा। महान्।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरुआ  : वि० [सं० गुरु] [स्त्री० गरुई] १. भारी। वजनी। २. अभिमानी। घमंडी। पुं०-गडुआ।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरुआई  : स्त्री० [हिं० गरुआ] गुरुता। भारीपन।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरुआना  : अ० [सं० गुरु] भारी या वजनदार होना। स० भारी करना या बनाना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरुड़  : पुं० [सं० गरुत्√डी (उड़ना)+ड, पृषो० तलोप] १. गिद्ध की जाति का एक प्रकार का बहुत बड़ा पक्षी जो पुराणों में विष्णु का वाहन कहा गया है। २. सफेद रंग का एक प्रकार का जल-पक्षी जिसे पड़वा ढेक भी कहते हैं। ३. प्राचीन भारत की एक प्रकार की सैनिक व्यूह-रचना। ४. गरुड़ पक्षी के आकार का एक प्रकार का प्रासाद। ५. पुराणानुसार चौदहवें कल्प का नाम। ६. श्रीकृष्ण के एक पुत्र का नाम। ७. छप्यय छंद का एक प्रकार या भेद। ८. नृत्य में, एक प्रकार की मुद्रा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरुड़गामी (मिन्)  : पुं० [सं० गरुड़√गम् (जाना)+णिनि] १. विष्णु। २. श्रीकृष्ण।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरुड़-घंटा  : पुं० [ष० त०] ठाकुर जी की पूजा में बजाया जानेवाला वह घंटा जिसके ऊपर गरुड़ की आकृति बनी होती थी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरुड़-ध्वज  : पुं० [ब० स०] १. विष्णु। २. प्राचीनकाल के बने हुए ऐसे स्तंभ जिनपर गरुड़ की आकृति होती थी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरुड़-पक्ष  : पुं० [ष० त०] नृत्य में दोनों हाथ कमर पर रखने की एक मुद्रा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरुड़-पाश  : पुं० [मध्य० स०] पुरानी चाल का एक प्रकार का वह फंदा जो शत्रु को फँसाने के लिए उसके ऊपर फेंका जाता था।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरुड़-पुराण  : पुं० [मध्य० स०] अठारह पुराणों में से एक जिसमें यमपुर तथा अनेक प्रकार के नरकों का वर्णन है। प्रेत-कर्म का विधान भी इसी में है। विशेष–हिन्दुओं में किसी के मर जाने पर दस दिन तक इसकी कथा सुनने का माहात्म्य है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरुड़-प्लुत  : पुं० [ष० त० ] नृत्य में एक प्रकार की मुद्रा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरुड़-भक्त  : पुं० [ष० त० ] प्राचीन भारत का एक संप्रदाय जो गरुड़ की उपसाना करता था।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरुड़-यान  : पुं० [ब० स०] १. विष्णु। २. श्रीकृष्ण।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरुड़-रुत  : पुं० [ष० त० ] एक वर्णवृत्त जिसके प्रत्येक चरण में क्रमशः नगण, जगण, भगण, जगण, तगण तता अंत में एक गुरु होता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरुड़-व्यूह  : पुं० [उपमि० स०] प्राचीन भारत में सैनिक व्यूह रचना का एक प्रकार जिसमें सेना का मध्य भाग अपेक्षया अधिक विस्तृत रखा जाता था।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरुड़-सिंह  : पुं० [उपमि० स०] प्राचीन भारतीय वास्तु में, वह कल्पित सिंह जिसका अगला भाग गरुड़ के समान तथा पिछला भाग सिंह के सामन होता था।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरुड़ांक  : पुं० [गरुड़-अंक,ब० स०] विष्णु।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरुड़ांकित  : पुं० [गरुड़-अंकित,उपमि० स० ] दे० ‘गरुड़ाश्मा’।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरुड़ाग्रज  : पुं० [गरुड़-अग्रज,ष० त०] अरुण, जो गरुड़ का बड़ा भाई कहा गया है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरुड़ाश्या(श्मन्)  : पुं० [गरुड़-अश्मन्,उपमि० स०] पन्ना नामक रत्न।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरुत्  : पुं० [सं०√गृ(शब्द)+डति] पंख। पर।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरुता  : स्त्री०=गुरुता।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरुत्मान्(मत्)  : पुं० [सं० गरुत्+मतुप्] १. गरुड़। २. पक्षी। ३. अग्नि।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरुल  : पुं० [सं० गरुड़] गरुड़। उदाहरण–कंत गरुल होतहिं निरदयी।–जायसी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरुवाई  : स्त्री०=गुरुता।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरुहर  : वि०=गुरु (भारी)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरू  : वि०=गुरु।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरूर  : पुं० [अ० ग़रूर] अभिमान। घमंड।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरूरत  : स्त्री०=गरूर।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरूरताई  : स्त्री०=ग़रूर।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरूरा  : वि० [फा० गरूर] [स्त्री० गरूरी] १. अभिमानी। २. घमंडी। पुं०=गरूर।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरेठना  : स०=गरेरना (घेरना)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरेठा  : वि०टेढ़ा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरेबान  : पुं० [फा०] किसी सिले हुए कपड़े का वह अंश जो गले के चारों ओर पड़ता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरेरना  : स०=घेरना (छेकना या रोकना)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरेलना  : स०=गरेरना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरेरा  : पुं०=घेरा।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) वि० [स्त्री० गरेरी] (वास्तु रचना) जिसमें घुमाव फिराव हो। चक्करदार। पुं० गदेला (छोटा लड़का)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरेरी  : स्त्री०=गड़ारी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरेहुआ  : वि० [सं० गुरु] १. भारी। २. भीषण। विकट।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरैयाँ  : स्त्री० गराँव (पशुओं के गले में बाँधने की रस्सी)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गरोह  : पुं० [फा०] झुंड। जत्था।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्क़  : वि० [अ०] १. डूबा हुआ। २. तल्लीन। विचारमग्न।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्ग  : पुं० [सं०√गृ (स्तुति करना)+ग] १. एक वैदिक ऋषि जो आंगिरस भरद्वाज के वंशज और ऋग्वेद के एक सूक्त के मंत्र-दृष्टा थे। २. ज्योतिष शास्त्र में एक प्राचीन आचार्य। ३. धर्मशास्त्र के प्रवर्तक एक प्राचीन ऋषि। ४. बैल। ५. साँड। ६.गगोरी नाम का छोटा क्रीड़ा। ७. बिच्छू। ८. केंचुआ। ९. एक पर्वत का पुराना नाम। १॰. ब्रह्मा के एक मानस पुत्र जिनकी सृष्टि गया में यज्ञ के लिए हुई थी। ११. संगीत में, एक प्रकार का ताल।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्गर  : पुं० [सं०√रा (देना)+क] १. भँवर। २. एक प्रकार का पुराना बाजा। ३. गगरा। गागर। ४. एक प्रकार की मछली।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्गरी  : स्त्री० [सं० गर्गर+ङीष्]१. दही जमाने की मटकी। दहेंड़ी। २. मथानी। ३. गगरी। कलसी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्ज  : स्त्री०=गरज।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्जक  : पुं० [सं०√गर्ज (गरजना)+ण्वुल्-अक] एक प्रकार की मछली। वि० गरजनेवाला।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्जन  : पुं० [सं०√गर्ज+ल्युट्-अन] १. घोर ध्वनि या भीषण शब्द करने या होने की क्रिया या भाव। गरज। पद–गर्जन-तर्जन=क्रोध में आकर जोर-जोर से बोलना और डाँटना-डपटना। २. शाल की जाति का एक प्रकार का वृक्ष।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्जना  : स्त्री० [सं०] गर्जन ( दे०)। अ०=गरजना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्जा  : स्त्री० [सं०√गर्ज+अङ्-टाप्] बादलों की गरज।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्जित  : भू० कृ० [सं०√गर्ज+क्त] गरजा हुआ।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्डर  : पुं० [अं०] लोहे का ढला हुआ वह मोटा लंबा झड़ जो बड़ी छतें आदि पाटने में शहतीर की जगह लगाया जाता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्त्त  : पुं० [सं०√गृ (लीलना)+तन्] १. गड्ढा। गड़हा। २. छेद। ३. दरार। ४. घर। ५. रथ। ६. जलाशय। ७. एक नरक का नाम। ८. एक शब्द जो स्थान-वाचक कुछ नामों में उत्तर पद के रूप में लगता है। जैसे–चक्रगर्त्त, त्रिगर्त्त आदि।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्तकी  : स्त्री० [सं० गर्त+कन्-ङीष्] वह स्थान जहाँ कपड़े बुने जाते हैं।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्ता  : [सं० गर्त+टाप्] १. बिल। २. गुफा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्ताश्रय  : पुं० [गर्त्त-आश्रय, ब० स०] बिल में रहनेवाला जंतु। जैसे–चूहा, खरगोश आदि।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्तिका  : स्त्री० [सं० गर्त+ठन्-इक, टाप्] =गर्तकी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्द  : स्त्री० [फा०] गरदा। धूल। मुहावरा–के लिए ‘धूल’ के मुहावरा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्दखोर  : वि० [फा०] (कपड़ा या उसका रंग) जो गर्द या मिट्टी आदि पड़ने से जल्दी मैला या खराब न होता हो। जैसे–खाकी रंग। पुं० पैर पोछनें का टाट आदि।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्दखोरा  : वि०=गर्दखोर।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्द-गुबार  : पुं० [फा०] धूल और मिट्टी जो हवा के साथ उड़कर इधर-उधर गिरती है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्दन  : स्त्री०=गरदन।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्दना  : पुं० दे० ‘गरदना’।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्दभंग  : पुं० [हिं० गर्द+भंग] एक प्रकार का गाँजा जिसे चूरू चरस भी कहते हैं।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्दभ  : पुं० [सं०√गर्द (शब्द करना)+अभच्] १. गधा। गदहा। २. सफेद कुमुदनी या कोई। ३. विडंग। ४. गदहिला नाम का कीड़ा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्दभक  : पुं० [सं० गर्दभ+कन्] १. गुबरैला नाम का कीड़ा। २. एक प्रकार का चर्म रोग।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्दभ-याग  : पुं० [तृ० त० ] अवकीर्ण याग।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्दभांड  : पुं० [सं० गर्दभ√अम् (जाना)+ड] पलखा या पाकर नामक वृक्ष।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्दभा  : स्त्री० [सं० गर्दभ+टाप्] सफेद कंटकारी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्दभिका  : स्त्री० [सं० गर्दभ+ङीष्+कन्-टाप्,ह्रस्व] एक प्रकार का रोग जिसमें लाल फुँसियाँ निकलती है। गदहिला।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्दभी  : स्त्री० [सं० गर्दभ+ङीष्] १. गर्दभ की मादा। गधी। २. एक प्रकार का कीड़ा। ३. अपराजिता लता। ४. सफेद कंटकारी। ५. गर्दभिका या गदहिला नामक रोग।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्दाबाद  : वि० [फा० गर्द+आबाद] १. गर्द या धूल से भरा हुआ। २. टूटा-फूटा। ध्वस्त। ३. उजाड़। पीरान। ४. बेसुध। बेहोश।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्दालू  : पुं० [फा० गर्द+आलू] आलूबुखारा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्दिश  : स्त्री० [फा०] १. चारों ओर घूमने की क्रिया या भाव। चक्कर। २. विपत्ति या संकट में डालनेवाला दिनों (या भाग्य) का फेर।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्दुआ  : पुं०=गरदुआ।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्दू  : पुं० [फा०] १. आकाश। २. गाड़ी। रथ।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्द्ध  : पुं० [सं० गृध् (चाहना)+घञ्] [वि० गर्द्धी,गर्द्धित] १. लालच। लोभ। २. गर्दभांड। पाकर।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्द्धित  : वि० [सं० गर्द्ध+इतच्] लोभ से युक्त। लुब्ध।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्नाल  : स्त्री०=गरनाल।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्ब  : पुं०=गर्व।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्बा  : पुं० [?] १. मिट्टी का वह पात्र जो देवी-देवताओं की पूजा के लिए मंगल कलश के रूप में सजाकर प्रस्थापित किया जाता है। २. वह गीत जो उक्त पात्र को प्रस्थापित करते समय गाया जाता है। (गुजरात)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्बीला  : वि० =गर्वीला।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भड  : पुं० [गर्भ-अंड,ष० त० ,पररूप] बहुत बड़ी या उभरी हुई नाभि।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ  : पुं० [सं०√गृ (सींचना)+भन्] १. पेट के अन्दर का भाग। उदर। २. स्तनपायी (मादा) प्राणियों के शरीर का वह भीतरी भाग जिसमें शुक्र और रज के संयोग से नये प्राणी उत्पन्न होते, बढ़ते, पनपते और अंत में जन्म लेते हैं। गर्भाशय। ३. उक्त के आधार पर मादा स्तनपायी प्राणियों के गर्भवती होने की अवस्था या काल। मुहावरा–गर्भ गिरना=गर्भपात होना। गर्भ रहना-पेट में बच्चा आना। ४. लाक्षणिक अर्थ में, किसी वस्तु का वह भीतरी भाग जिसमें कोई चीज छिपी या दबी रहती अथवा पनपती, बढ़ती या स्थिर रहती है। जैसे–यह बात तो अभी भविष्य के गर्भ में ही है। ५. गर्भ में आनेवाला नया जीव। (क्व०) ६. फलित ज्योतिष में नये मेघों की उत्पत्ति जिसमें वृष्टि का आगम होता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भक  : पुं० [सं० गर्भ√कै (शब्द)+क] १. पुत्रजीव वृक्ष। पतजिव। २. फूलों का गुच्छा जो बालों में खोंसा जाता है। [गर्भ+कन्] दो रातों और उनके बीच के दिन की अवधि।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भकार  : वि० [सं० गर्भ√कृ (करना)+अण्] (व्यक्ति) जिसके संपर्क से स्त्री ने गर्भ धारण किया हो। पुं० सामगात का एक प्रकार का भेद।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-काल  : पुं० [ष० त०] १. गर्भाधान के लिए उपयुक्त काल। ऋतुकाल। २. वह सारा समय जब तक स्त्रियों को गर्भ रहता हो। गर्भ-धारण से प्रसव तक का समय।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-केसर  : पुं० [ष० त० ] फूल के बीच में के वे केसर या सीकें जो उसके स्त्रीलिंग अंग के रूप में होते हैं। उसी के साथ पराग केसर का संपर्क होनेपर फल और जीव उत्पन्न होते हैं। (कार्पेल पिस्टिल)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-कोष  : पुं० [ष० त०] गर्भाशय।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-गृह  : पुं० [उपमि० स०] १. मकान के मध्य की कोठरी। बीच का घर। २. मन्दिर के बीच की वह कोठरी जिसमें प्रतिमा या मूर्ति रहती है। ३. वह कोठरी जिसमें गर्भवती स्त्री सन्तान प्रसव करती है। सौरी। ४. आँगन।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भघाती(तिन्)  : वि० [सं० गर्भ√हन्(नष्ट करना)+णिनि] [स्त्री० गर्भघातिनी] गर्भ गिराने या नष्ट करनेवाला।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-चलन  : पुं० [ष० त० ] गर्भाशय में बच्चे का इधर-उधर हिलना-डोलना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-च्युति  : स्त्री० [ष० त०] १. प्रसव। २. गर्भपात।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भज  : वि० [सं०गर्भ√जन्(उत्पन्न होना)+ड] १. जो गर्भ से उत्पन्न हुआ हो। (अंडज, स्वेदज आदि से भिन्न) २. दे० जन्म जात।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-जात  : वि० [ष० त० ] =गर्भज।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भदंश  : पुं० =संदंश।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भद  : वि० [सं० वृर्भ√दा (देना)+क] गर्भकार। पुं० पुत्रजीव वृक्ष।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भदा  : स्त्री० [सं० ग्रभद+टाप्] सफेद भटकटैया।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-दात्री  : स्त्री० [ष० त०]=गर्भदा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-दास  : पुं० [पं० त०] [स्त्री० गर्भदासी] दासी का पुत्र अर्थात् जन्मजात दास। गोला।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-दिवस  : पुं० [च० त०] १. गर्भकाल। २. कार्तिकी पूर्णिमा से लेकर लगभग १९५ दिनों का समय जब कि मेघों के ग्रभ में आने अर्थात् आकाश में बनने का समय होता है। (बृहत्संहिता)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-द्रुत  : पुं० [ष० त०] वैद्यक में पारे की शुद्धि के लिए किये जानेवाले संस्कारों में से तेरहवाँ संस्कार।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-द्रुह  : वि० [सं० गर्भ√द्रुह्(बुराई सोचना)+क्विप्] [स्त्री० गर्भद्रुहा] गर्भ का द्रोही, अर्थात् गर्भ न चाहने या उसे नष्ट करनेवाला।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-धरा  : वि० [ष० त०] गर्भ धारण करनेवाली। गर्भवती।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-धारण  : पुं० [ष० त०] गर्भ में नया जीव धारण करना। गर्भवती होना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-नाड़ी  : स्त्री० [ष० त०] वह नाडी जो एक ओर गर्भ के बच्चे की नाभि से और दूसरी ओर गर्भाशय से मिली होती है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-नाल  : स्त्री० [ष० त०] १. फूलों के भीतर की वह पतली नाल जिसके सिरे पर गर्भ केसर होता है। २. दे० गर्भ नाड़ी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-निस्रव  : पुं० [ष० त० ] वह झिल्ली जो बच्चे के जन्म लेने पर गर्भ से निकलती है। आँवल। खेड़ी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-पत्र  : पुं० [ष० त०] १. कोंपल। गाभा। २. दे० ‘गर्भनाल’।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भपाकी(किन्)  : पुं० [सं० गर्भ-पाक ष० त० +इनि] साठी धान।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-पात  : पुं० [ष० त०] १. गर्भ का गिरना। पेट के बच्चे का पूरी बाढ़ के पहले गर्भ से निकलकर गिर पड़ना और व्यर्थ हो जाना। (गर्भ-स्राव से भिन्न, दे० गर्भ-स्राव)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-पातक  : वि० [ष० त० ] (औषध या पदार्थ) जिसके प्रयोग या व्यवहार से गर्भपात हो जाए। गर्भ गिरानेवाला। पुं० लाल सहिंजन।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-पातन  : पुं० [सं० ष० त० ] जान-बूझकर पेट या गर्भ का गिराना, जिससे गर्भस्थ जीव मर जाता है। (यह विधिक दृष्टि से अपराद भी है और नैतिक तथा धार्मिक दृष्टि से पाप भी)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-पातिनी  : स्त्री० [सं० गर्भपातिन्+ङीष्] १.कलिहारी। २.विशल्या नामक ओषधि।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भपाती(तिन्)  : वि० [सं०गर्भ√पत् (गिरना)+णिच्+णिनि] [स्त्री० गर्भपातिनी] गर्भपात करने या गिरानेवाला।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-भवन  : पुं० [ष० त०] १. वह कोठरी जिसमें बच्चा प्रसव करती है। सौरी। २. दे० ‘गर्भ-गृह’।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-मंडप  : पुं० [ष० त०] १. गर्भ-गृह। २. पति और पत्नी का शयनगार।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-मास  : पुं० [ष० त०] वह महीना जिसमें स्त्री ने गर्भ धारण किया हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भरा  : स्त्री० [सं० गर्भ√रा (देना)+क-टाप्] प्राचीन काल की एक प्रकार की बड़ी नाव।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भवती  : स्त्री० [सं० गर्भ+मतुप्-वत्व,ङीष्] स्त्री, जिसके पेट में बच्चा हो। गर्भिणी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-वास  : पुं० [स० त०] १. बच्चे का गर्भाशय में रहना। २. गर्भाशय।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-विज्ञान  : पुं० [ष० त०] वह विज्ञान जिसमें इस बात का विवेचन होता है कि गर्भ में कलल किस प्रकार बनता है, उसमें जीवन कासंचार कैसे होता है। (एम्ब्रायाँलोजी)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-व्याकरण  : पुं० [ष० त० ] आयुर्वेद का वह अंग जिसमें बालक के गर्भ में आने, बढने, जन्म लेने आदि बातों का विवेचन होता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-व्यूह  : पुं० [उपमि० स०] युद्ध में सेना की एक प्रकार का व्यूह-रचना जिसमें सेना अपने सेनापति या रक्षणीय वस्तु को चारों ओर से घेरकर खड़ी होती और लड़ती थी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-शंकु  : पुं० [ष० त०] वह सँड़सी जिसमें मरा हुआ बच्चा गर्भ में से निकाला जाता था। (फर्सेप्स)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-शय्या  : स्त्री० [ष० त०] पेट के अंदर का वह स्थान जिस पर गर्भ स्थित रहता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-संधि  : स्त्री० [मध्य० स०] नाट्य-शास्त्र में एक प्रकार की संधि। जिस संधि में उपाय कहीं दह जाए और खोज करने पर बीज का और भी विकास हो उसे गर्भ संधि कहते हैं।–पं० विश्वनाथप्रताप मिश्र ।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भस्थ  : वि० [सं० गर्भ√स्था (ठहरना)+क] गर्भ में आया या ठहरा हुआ। (बच्चा)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-स्थली  : स्त्री० [मयू० स०] गर्भाशय।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-स्थापन  : पुं० [ष० त०] गर्भाशय में वीर्य पहुँचाकर गर्भ धारण कराना। (सेमिनेशन)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-स्राव  : पुं० [ष० त०] गर्भ के गिरने या नष्ट होने की वह अवस्था जब कि वह पिंड बनने से पहले बहुत कुछ तरल रूप में रहता है। (एबोर्शन) विशेष-साधारणतः तीन-चार महीने तक गर्भ तर रूप में रहता है और गर्भ-स्राव होने पर वह रक्त के रूप में बहकर निकल जाता है। पर इससे अधिक बड़े होने पर जब वह पिंड का रूप धारण करके निकलता है, तब उसे गर्भपात कहते हैं।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भस्रावी(विन्)  : वि० [सं० गर्भ√स्रु (बहना)+णिच्+णिनि] [स्त्री० गर्भ-स्राविनी] गर्भ-स्राव करने या करानेवाला। पुं० हिंताल नामक वृक्ष।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भ-हत्या  : स्त्री० [ष० त०] गर्भ में आये हुए जीव या प्राणी को किसी प्रकार नष्ट कर देना या मार डालना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भाक  : पुं० [सं० गर्भ-अंक,उपमि० स०] १. नाटक के अंक का एक अंश जिसमें केवल एक घटना का दृश्य होता है। २. एक नाटक में दिखलाया जानेवाला कोई दूसरा नाटक या उसका दृश्य।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भागार  : पुं० [सं० गर्भ-आगार, उपमि० स०] १. गर्भ-गृह। २. आँगन। ३. गर्भाशय।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भाधान  : पुं० [सं० गर्भ-आधान, ष० त० ] १. स्त्री० के गर्भ या पेट में पुरुष के वीर्य से जीव या प्राणी की सृष्टि का सूत्रपात। संभोग करके वीर्य गर्भाशय में स्थित करना या होना। २. गृहसूत्र के अनुसार मनुष्य के सोलहवें संस्कारों में से पहला संस्कार जो उस समय होता है जब स्त्री ऋतुमती होने के उपरांत शुद्ध होती है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भारि  : पुं० [सं० गर्भ-अरि,ष० त०] छोटी इलायची।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भाशय  : पुं० [सं० गर्भ-आशय, ष० त० ] स्त्रियों या मादा पशुओं के पेट में वह स्थान जिसमें वीर्य के पहुँचने पर जीव या प्राणी की सृष्टि का सूत्रपात होता है। बच्चेदानी (यूट्स)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भिणी  : वि० [सं०गर्भ+इनि-ङीष्] स्त्री या मादा प्राणी जिसे गर्भ हो। गर्भवती। (प्रेगनैन्ट) स्त्री० १. खिरनी का पेड़। २. प्राचीन भारत में एक प्रकार की बड़ी नाव जो समुद्रों में चलती थी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भित  : वि० [सं० गर्भ+इतच्] १. जिसने गर्भ धारण किया हो। गर्भ ये युक्त। २. जिसके गर्भ अर्थात् भीतरी भाग मे कुछ हो या छिपा हो। जैसे–सारगर्भित कथन। ३. भरा हुआ। पूरित। ४. साहित्यिक रचना का एक दोष जो किसी एक भाव के सूचक वाक्य के अन्तर्गत किसी दूसरे भाव का सूचक कोई और वाक्य भी सम्मिलित किये जाने पर होता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भी(र्भिन्)  : वि० [सं० गर्भ+इनि] १. गर्भवाला। २. गर्भित।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भीला  : वि० [सं० गर्भ+हिं० ईला (प्रत्यय)] १. जिसके गर्भ अथवा भीतरी भाग में कोई चीज स्थित हो। २. (रत्न) जिसके अन्दर से आभा निकलती हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भोदक  : पुं० [सं० गर्भ-उदक, ब० स०] पुराणानुसार एक समुद्र जिसमें श्रीकृष्ण को शेषशायी महाविष्णु के दर्शन हुए थे।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भोपघात  : पुं० [सं० गर्भ-उपघात, ष० त०] गर्भ-हत्या।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्भोपनिषद्  : पुं० [सं० गर्भ-उपनिषद्, मध्य० स०] अथर्ववेद सम्बन्धी एक उपनिषद् जिसमें गर्भ की सृष्टि, अभिवृद्धि, प्रसव आदि का वर्णन है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्म  : वि० [फा०] दे० ‘गरम’।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्रा  : वि० [देश०] लाख के रंग जैसा। लाखी। पुं० १. लाखी रंग। २. लाखी रंग का घोड़ा। ३. लाखी रंग का कबूतर। पुं० [अ० गर्र] १. अभिमान। घमंडी। २. कोई ऐसा उग्र कार्य जो अपने अभिमान और बल के प्रदर्शन के लिए किया गया हो। ३. सतलज नदी के एक नाम जो उसे बहावलपुर के आस-पास प्राप्त है। स्त्री०=गराड़ी। (बुन्देल०) उदाहरण–गर्रा पै डोरी डार गुइँयाँ अरी डार गुइयाँरी।–लोकगीत।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्री  : स्त्री० [हिं० गरेरना] १. खलिहान में लगाई हुई डंठल की गाँज। २. तागा लपेटने का एक औजार।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्व  : पुं० [सं०√गर्व् (अहंकार करना)+घञ्] [वि० गर्वित, गर्ववान] १. अपने किसी श्रेष्ट कार्य, बात, वस्तु, व्यक्ति आदि के संबंध में होनेवाली न्यायोचित अहंभावना। जैसे–हमें अपने देश, धर्म तथा संस्कृति पर गर्व है। २. अपनी शक्ति, समर्थता आदि की दृष्टि से मन में होनेवाली अयुक्तपूर्ण अहंभावना। जैसे–उन्हें अपनी डंडे बाजी पर गर्व है। ३. अभिमान। घमंड। ४. साहित्य में वह अवस्था जब मनुष्य अपने किसी गुण या विशेषता के विचार से दूसरों की अपेक्षा अपने को बहुत बड़ा-चढ़ा समझता है और कभी-कभी अपने उत्कर्ष की भावना से दूसरों की अवज्ञा भी करता है। (इसकी गणना संचारी भावों में होती है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्वर  : वि० [सं०√गृ (लीलना)+वरच्] जिसे गर्व हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्वरी  : स्त्री० [सं० गर्वर+ङीष्] दुर्गा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्ववंत  : वि० [सं० गर्ववान्] (व्यक्ति) जिसे अपने अथवा अपनी किसी चीज, बात या व्यवहार पर गर्व हो। अभिमानी। घमंडी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्वाना  : अ० [सं० गर्व] स्वयं गर्व करना। स० किसी को गर्वित करना या कराना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्विणी  : वि० स्त्री० [सं० गर्व+इनि-ङीप्]१. गर्व करनेवाली (स्त्री०)। २. मान करने या रूठनेवाली। मानिनी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्वित  : वि० [सं०√गर्व्+क्त] [स्त्री० गर्विता] १. गर्व से युक्त। २. गर्व या अभिमान करनेवाला।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्विता  : स्त्री० [सं० गर्वित+टाप्] साहित्य में वह नायिका जिसे अपने रूप, गुण आदि का अथवा अपने पति या प्रेमी के परम अनुराग का गर्व या घमंड होता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्विष्ठ  : वि० [सं० गर्व+इष्ठन्] १. जिसे गर्व हो। गर्वीला। २. अभिमानी। घमंडी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्वी (र्विन्)  : वि० [सं० गर्व+इनि] अभिमानी। घमंडी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्वीला  : वि० [सं० गर्व+हिं० इला (प्रत्यय)] [स्त्री० गर्विली] १. गर्व करनेवाला। गर्व से युक्त। २. अभिमानी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्हण  : पुं० [सं०√गर्ह् (निंदा करना)+ल्युट्-अन] [वि० गर्हणीय,गर्हित] किसी को बहुत बुरा समझकर की जानेवाली निंदा। भर्त्सना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्हणा  : स्त्री० [सं०√गर्ह्+णिच्+युच्-अन,टाप्] =गर्हण।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्हणीय  : वि० [सं०√गर्ह्+अनीयर] जिसका गर्हण या निंदा करना उचित हो। गर्हण का पात्र। (अर्थात् निंदनीय या बुरा)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्हा  : स्त्री० [सं० गर्ह्+अ-टाप्] गर्हणा। निंदा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्हित  : भू० कृ० [सं०√गर्ह्+क्त] १. जिसकी गर्हणा या निन्दा की गई हो। २. इतना दूषित या बुरा कि उसे देखने पर मन में घृणा उत्पन्न होती हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
गर्ह्य  : वि० [सं०√गर्ह+ण्यत्]=गर्हणीय।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
लौटें            मुख पृष्ठ