| शब्द का अर्थ | 
					
				| खेड़					 : | पुं०=खेट(गाँव)। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| खेड़ना					 : | स० [सं० खेटन] १. चलाना। उदाहरण-खँति लागै त्रिभुवन पति खेडैं।–प्रिथीराज। २. ‘खदेड़ना’। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| खेड़ा					 : | पुं० [सं० खेट] १. किसानों की बस्ती। छोटा गाँव। २. कच्चा मकान। पद-खेड़े की दूब-तुच्छ या रद्दी वस्तु। पुं० [देश०] कबूतरों, चिड़ियों आदि को खिलाया जानेवाला रद्दी अन्न। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| खेड़ापति					 : | पुं० [हिं० खेड़ा+सं० पति] गाँव का पुरोहित या मुखिया। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| खेड़ी					 : | स्त्री० [देश०] १. वह मांसखंड जो जरायुज जीवों, (जैसे– मनुष्य, गाय, भैंस आदि) के नवजात शिशुओं या बच्चों की नाल के दूसरे सिरों में लगा रहता है। २. मूल धातुओं को गलाने पर उनमें से निकलने वाली मैल। धातुमैल। (स्लैग) ३.एक प्रकार का बढिया लोहा। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |