शब्द का अर्थ
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कूर्म :
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पुं० [सं० कु-ऊर्मि, ब० स० पृषो० सिद्धि] १. कच्छप। कछुआ। २. भगवान विष्णु का वह अवतार जिसमें उन्होंने कछुए का रूप धारण किया था। विष्णु का कूर्मावतार। ३. वह वायु जिसके बल से पलके खुलती और बन्द होती हैं। |
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कूर्म-क्षेत्र :
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पुं० [मध्य० स०] एक तीर्थ स्थान। |
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कूर्म-पृष्ठ :
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पुं० [ष० त०] कछुए की पीठ। |
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कूर्मासन :
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पुं० [सं० कूर्म-आसन, मध्य० स०] हठयोग में एक प्रकार का आसन, जिसमें शरीर की आकृति कछुए की-सी बना ली जाती है। |
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कूर्मी :
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स्त्री० [सं० कूर्म+ङीष्] कछुई। |
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