| शब्द का अर्थ | 
					
				| काकांगा					 : | स्त्री० [सं० काक-अंग, ब० स० टाप्] काकजंघा। | 
			
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				| काका					 : | पुं० [फा० काका=बड़ा भाई] [स्त्री० काकी] १. पिता का छोटा भाई। चाचा। २. छोटा बच्चा। (पश्चिम)। स्त्री० [सं० काक+अच्, टाप्] १. कांकजंघा। मसी। २. काकोली। ३. घुँघची। ४. कठ-गूलर। कठमर। ५. मकोय।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
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				| काका-कौआ					 : | पुं० =काकातुआ। | 
			
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				| काकाक्षिगोलक					 : | पुं० [काक-अक्षिगोलक, ष० त०]=काकगोलक (दे०)। | 
			
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				| काकाक्षिगोलक-न्याय					 : | पुं० [सं० कर्म० स०] उस स्थिति का सूचक नियम या सिद्धांत जिसमें कोई तत्त्व या बात दोनों ओर या पक्षों में समान रूप से ठीक बैठती हो। (अर्थात् उसी प्रकार बैठती हो जिस प्रकार लोकमान्यता के अनुसार कौए की एक पुतली उसके दोनों गोलकों में फिरती है।) काकातुआ पुं० [मला० ककाटू] तोते की जाति का एक बड़ा पक्षी जो प्रायः अपनी सुन्दरता के लिए पाला जाता है। | 
			
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				| काकारि					 : | पुं० [काक-अरि, ब० स०] उल्लू। | 
			
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