शब्द का अर्थ
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कलन :
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पुं० [सं०√कल् (गति, शब्द, संख्या)+ल्युट्—अन] १. ग्रहण या धारण करना। २. अच्छी तरह जानना या समझना। ३. कोई चीज तैयार या बनाना। ४. अच्छी तरह लगा था। सजाकर जमाना बैठाना या रखना। ५. गणना करना। हिसाब लगाना। ६. आचरण। ७. लगाव। संबंध। ८. कौर। ग्रास। ९. ऐब। दोष। १॰. दाग। धब्बा। ११. बेंत। १२. गर्भ में शुक और शोणित संयोग से पहले-पहल बननेवाला वह रूप जिससे आगे चलकर कलल बनता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कलना :
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स्त्री० [सं०√कल्+ णिच्+युच्—अन, टाप्] १. ग्रहण करने या लेने की किया या भाव। २. ज्ञान। ३. रचना। बनावट। विशेषतः सुन्दर बनावट या रचना। उदा०—देव-सृष्टि की सुख-विभावरी तारों की कलना थी।—प्रसाद। सं० [सं० कलन] १. कलन करना। गिनती करना। गिनना। २. हिसाब लगाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |