शब्द का अर्थ
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करद :
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वि० [सं० कर√दा (देना)+क] १. राज्य या शासन को कर देनेवाला। कर अदा करनेवाला। २. सहायता या सहारा देनेवाला। पुं० १. अपने से किसी बड़े राजा या राज्य की अधीनता स्वीकृत करके उसे कर देनेवाला राजा या राज्य। २. मालगुजारी देनेवाला किसान। स्त्री० [फा० कारदा] एक प्रकार का बड़ा चाकू या छुरी। उदा०—पटकूं मूंछां पाण, कै पटकूं निज तन करद।—पृथ्वीराज। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
करदम :
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पुं०=कर्दम। |
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करदल :
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पुं० [देश०] एक वृक्ष जिसकी छाल चिकनी और कुछ पीली होती है। |
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करदा :
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पुं० [हिं० गर्द] १. बिक्री की वस्तुओं में मिला हुआ कूड़ा-करकट। २. वे वस्तुएँ जिनमें कूड़ा-करकट मिला हो। ३. मूल्य में होने वाली वह कमी जो उक्त वस्तुएँ बेचने के समय विक्रेता को करनी पड़ती है। ४. तौल से अधिक दी जानेवाली किसी वस्तु की वह मात्रा जो ग्राहक के संतोष के लिए दी जाती है। ५. किसी कूटी या पीसी हुई वस्तु के बचे हुए कुछ मोटे रवे। ६. बट्टा। ७. छूट। ८. अदला-बदली। |
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करदौना :
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पुं०=दौना (तेज गंधवाला एक पौधा)। |
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