शब्द का अर्थ
|
कंघी :
|
स्त्री० [सं० कंकती, प्रा० कंकई] १. सींग आदि का बना हुआ लंबे-दाँतों वाला एक उपकरण, जिससे सिर के बाल झाड़े तथा सँवारे जाते हैं। मुहावरा—कंघी-चोटी करनास्त्रियों का, कंघी से बाल झाड़कर उनकी चोटी आदि गूँथना। (बनाव-सिंगार करने का सूचक) २. उक्त आकार का जुलाहों का एक प्रसिद्ध औजार, जिसके रंध्रों में से ताने के सूत आर-पार निकाले हुए होते हैं और जिसके कारण वे आपस में उलझने नहीं पाते। ३. एक प्रकार का जंगली पौधा, जिसकी पत्तियाँ दवा के काम आती हैं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
|