शब्द का अर्थ
|
कँड :
|
पुं० [सं० कर्ण] नाव की पतवार। जैसे—गँडहारा।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कँडन :
|
पुं० [सं०√कंड् (तोड़ना)+ल्युट-अन] १. कूटना। २. मारना-पीटना। ३. छाँटना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कंडनी :
|
स्त्री० [सं० कंडन+ङीष्] ऊखल और मूसल जिनसे धान आदि कूटते हैं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कँड़रा :
|
पुं० [सं० कंदल] मूली,सरसों आदि का मोटा डंठल।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कंडरा :
|
स्त्री० [सं०√कंड्+अरन्-टाप्] १. वह मोटी नस, जिसमें से रक्त चलता है। २. डोरी की तरह का मांस-तंतुओं का वह बंधन जो मांस-पेशियों को हड्डियों के साथ जोड़े या मिलाये रखता है। (टेण्डन, सिन्यू)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कँड़हारा :
|
पुं० [सं० कर्णधार] नाविक। माँझी। उदाहरण—ज कहँ अइस होहिं कँडहारा।—जायसी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कंडा :
|
पुं० [सं० स्कंदन=मलत्याग] १. गाय, भैंस आदि का सूखा या सुखाया हुआ गोबर। २. पाथा हुआ गोबर। उपला। मुहावरा—कंडा हो जाना=(क) बहुत ही सूख जाना। (ख) क्षीण या दुर्बल होना। (ग) मर जाना। ३. सूखा मल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कंडारी :
|
पुं० [सं० कर्णधारिन्] जहाज का मांझी (लश०)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कंडाल :
|
पुं० [सं० कंडोल] १. पानी रखने का, लोहे-पीतल आदि का बड़ा, गोलाकार तथा गहरा बरतन। २. कैंची की तरह का जुलाहों का एक औजार, जिससे वे ताने पर पाई करते हैं। पुं० [फा० करनाय] तुरही की तरह का एक बाजा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कंडिका :
|
स्त्री० [सं०√कंड्+ण्वुल्-अक-टाप्] १. वेद की ऋचाओं का समूह। २. वैदिक ग्रंथों का कोई छोटा खंड या परिच्छेद। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कंडिहार :
|
पुं० [सं० कर्णधार] केवट। मल्लाह।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कंडी :
|
स्त्री० [हिं० कंडा] १. जलाने का छोटा कंडा। उपली। २. पेट से निकलनेवाला बहुत सूखा मल। सुछा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कंडील :
|
स्त्री० [अ० कंदील] एक प्रकार का आधान, जिसमें दीपक जलाया जाता है। दीपाधार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कंडीलिया :
|
स्त्री० [अ० कंदील या पुर्त्त० गंडील] समुद्र में चट्टानों के पास जहाजों को सावधान करने के लिए बना हुआ ऊँचा धरहरा, जिसके ऊपर रोशनी की जाती है। प्रकाश-गृह। (लाइट हाउस)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कंडु :
|
पुं० [सं०√कंड्+उ] खाज। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कंडुक :
|
पुं० [सं० कंडु√कै+क] १. भिलावाँ। २. तमाल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कँडुवा :
|
पुं० [हिं० कांदो या सं० कंडु] बालवाले अन्नों का एक रोग। कंजुआ। झीटी। पुं० १. =कँडुआ। २. =कंडु (खुजली)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कंडू :
|
पुं० [√कंडू (खुजलाना)+क्विप्]=कंडु। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कंडुयन :
|
पुं० [सं०√कंड्+यक्+ल्युट-अन] [वि० कंडूयनक] खुजली। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कंडूल :
|
वि० [सं० कंड्+लच्] खाज या खुजली पैदा करनेवाला। पुं० ओल। जमीकंद। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कँडेरा :
|
पुं० [सं० कांड=शर] एक प्राचीन जाति, जो तीर-कमान बनाती थी, पर अब रुई धुनने का काम करती है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कंडोल (क) :
|
पुं० [सं०√कंड्+ओल्] १. बाँस आदि का बना हुआ टोकरा। २. भंडार-गृह। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कंडोल-वीणा :
|
स्त्री० [उपमि० स०] चांडाल की वीणा। किंगरी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कंडौर :
|
पुं० =कंडौरा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कंडौरा :
|
पुं० [हिं० कंडा+औरा (प्रत्य)] १. वह स्थान, जहाँ कंडे या उपले थापे जाते हैं। २. वह स्थान, जहाँ सूखे हुए उपले या कंडे रखे जाते हों। ३. कंडों या उपलों का ढेर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |