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ओंठ  : पुं० [सं० ओष्ठ, प्रा० ओट्ठ] मुँह के ऊपर और नीचे के दोनों बाहरी मांसल परत या भाग। होंठ। मुहावरा—ओंठ काटना या चबाना=अत्यधिक क्रुद्ध होने पर अपने आपको प्रतिकार करने से बलपूर्वक रोकना। ओठ चाटना=कोई स्वादिष्ट वस्तु खाने के समय ओंठों पर जीभ फेरते हुए उसका और अधिक स्वाद लेना। ओंठ फड़कना=क्रोध प्रकट करने या कुछ कहने के लिए आतुरता के लक्षण के रूप में ओंठों का रह-रहकर हिलना। ओंठों में कहना=बहुत मंद स्वर में कुछ कहना। बहुत धीरे-धीरे कहना या बोलना। ओंठो में मुस्कराना=बहुत धीरे-धीरे हँसना। ओंठ हिलना=बहुत देर तक मौन रहने के बाद मुँह से कोई बात निकलना। ओंठ हिलाना=बहुत कठिनता से कुछ कहना या बोलना। कोई बात ओंठों पर होना=विस्मृत बात फिर से स्मरण होने पर मुँह से निकलने को होना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
ओंठ  : पुं० [सं० ओष्ठ, प्रा० ओट्ठ] मुँह के ऊपर और नीचे के दोनों बाहरी मांसल परत या भाग। होंठ। मुहावरा—ओंठ काटना या चबाना=अत्यधिक क्रुद्ध होने पर अपने आपको प्रतिकार करने से बलपूर्वक रोकना। ओठ चाटना=कोई स्वादिष्ट वस्तु खाने के समय ओंठों पर जीभ फेरते हुए उसका और अधिक स्वाद लेना। ओंठ फड़कना=क्रोध प्रकट करने या कुछ कहने के लिए आतुरता के लक्षण के रूप में ओंठों का रह-रहकर हिलना। ओंठों में कहना=बहुत मंद स्वर में कुछ कहना। बहुत धीरे-धीरे कहना या बोलना। ओंठो में मुस्कराना=बहुत धीरे-धीरे हँसना। ओंठ हिलना=बहुत देर तक मौन रहने के बाद मुँह से कोई बात निकलना। ओंठ हिलाना=बहुत कठिनता से कुछ कहना या बोलना। कोई बात ओंठों पर होना=विस्मृत बात फिर से स्मरण होने पर मुँह से निकलने को होना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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