शब्द का अर्थ
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उषा :
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स्त्री० [सं०√उष्+क-टाप्] १. सूर्य के उदित होने से कुछ पहले मन्द प्रकाश। दिन निकलने से पहले का चाँदना। २. अरुणोदय की लाली। ३. सूर्यादय से पहले का समय। तड़का। प्रभात। ४. बाणासुर की कन्या जिसका विवाह अनिरुद्ध से हुआ था। ५. गाय। गौ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उषाकर :
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पुं० [सं० उषा√कृ (करना)+अच्] चंद्रमा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उषा-काल :
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पुं० [ष० त०] भोर की बेला। प्रभात। दिन निकलने से कुछ पहले का समय। सूर्य के उदित होने से पहले का समय। तड़का। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उषा-पति :
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पुं० [ष० त०] अनिरुद्ध। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उषा :
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स्त्री० [सं०√उष्+क-टाप्] १. सूर्य के उदित होने से कुछ पहले मन्द प्रकाश। दिन निकलने से पहले का चाँदना। २. अरुणोदय की लाली। ३. सूर्यादय से पहले का समय। तड़का। प्रभात। ४. बाणासुर की कन्या जिसका विवाह अनिरुद्ध से हुआ था। ५. गाय। गौ। |
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उषाकर :
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पुं० [सं० उषा√कृ (करना)+अच्] चंद्रमा। |
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उषा-काल :
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पुं० [ष० त०] भोर की बेला। प्रभात। दिन निकलने से कुछ पहले का समय। सूर्य के उदित होने से पहले का समय। तड़का। |
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उषा-पति :
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पुं० [ष० त०] अनिरुद्ध। |
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