शब्द का अर्थ
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उर्वर :
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वि० [सं० उरु√ऋ (गति)+अच्] [स्त्री० उर्वरा०] १. (भूमि) जिसमें ऐसे तत्त्व निहित हो जो पौधों फसलों आदि के जीवन और विकास के लिए अत्यावश्यक और महत्वपूर्ण हों। उपजाऊ। (फर्टाइल) २. लाक्षणिक अर्थ में (तत्त्व) जिसकी उत्पादन-शक्ति बहुत अधिक हो। जैसे—उर्वर मस्तिष्क। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उर्वरक :
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पुं० [सं० उर्वर+कन्] रासायनिक प्रक्रियाओं से प्रस्तुत की हुई ऐसी खाद जो खेतों में उन्हें उपजाऊ या उर्वर बनाने के लिए डाली जाती है। (फर्टिलाइजर) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उर्वरता :
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स्त्री० [सं० उर्वर+तल्-टाप्] १. उर्वर होने की अवस्था या भाव। उपाजऊपन २. उत्पादन शक्ति बहुत अधिक होने का भाव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उर्वरा :
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स्त्री० [सं० उर्वर+टाप्] १. उपजाऊ या उर्वर भूमि। २. पृथ्वी। ३. एक अप्सरा का नाम। वि०=उर्वर। |
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समानार्थी शब्द-
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उर्वर :
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वि० [सं० उरु√ऋ (गति)+अच्] [स्त्री० उर्वरा०] १. (भूमि) जिसमें ऐसे तत्त्व निहित हो जो पौधों फसलों आदि के जीवन और विकास के लिए अत्यावश्यक और महत्वपूर्ण हों। उपजाऊ। (फर्टाइल) २. लाक्षणिक अर्थ में (तत्त्व) जिसकी उत्पादन-शक्ति बहुत अधिक हो। जैसे—उर्वर मस्तिष्क। |
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उर्वरक :
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पुं० [सं० उर्वर+कन्] रासायनिक प्रक्रियाओं से प्रस्तुत की हुई ऐसी खाद जो खेतों में उन्हें उपजाऊ या उर्वर बनाने के लिए डाली जाती है। (फर्टिलाइजर) |
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उर्वरता :
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स्त्री० [सं० उर्वर+तल्-टाप्] १. उर्वर होने की अवस्था या भाव। उपाजऊपन २. उत्पादन शक्ति बहुत अधिक होने का भाव। |
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उर्वरा :
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स्त्री० [सं० उर्वर+टाप्] १. उपजाऊ या उर्वर भूमि। २. पृथ्वी। ३. एक अप्सरा का नाम। वि०=उर्वर। |
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