शब्द का अर्थ
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उफ :
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अव्य, [अ०] अपनी या किसी दूसरे की मानसिक या शारीरिक पीड़ा देखकर कोई भयानक दृश्य देखकर मुंह से निकलनेवाला एक शब्द। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उफड़ना :
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अ०=उबलना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उफनना :
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अ० [सं० उत्+फेन] उबलना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उफनाना :
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स०=उबालना। अ० उबलना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उफान :
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पुं० [सं० उत्+फेन] उफनने या उबलने की क्रिया या भाव। उबाल। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उफाल :
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स्त्री०=फाल (डग) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उफ :
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अव्य, [अ०] अपनी या किसी दूसरे की मानसिक या शारीरिक पीड़ा देखकर कोई भयानक दृश्य देखकर मुंह से निकलनेवाला एक शब्द। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उफड़ना :
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अ०=उबलना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उफनना :
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अ० [सं० उत्+फेन] उबलना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उफनाना :
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स०=उबालना। अ० उबलना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उफान :
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पुं० [सं० उत्+फेन] उफनने या उबलने की क्रिया या भाव। उबाल। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उफाल :
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स्त्री०=फाल (डग) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |