शब्द का अर्थ
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उद्भिज :
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पुं०=उद्भिज्य। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उद्भिज्ज :
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वि० [सं० उद्√भिद् (विदारण)+क्विप्√जन् (उत्पन्न होना)+ड] (पेड़, पौधे लताएँ आदि) जो जमीन फोड़कर उगती या निकलती हों। पुं० जमीन में उगनेवाले पेड़, पौधे, लताएँ आदि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उद्भिज्ज-शास्त्र :
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पुं० [ष० त०] वनस्पति-शास्त्र। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उद्भिज :
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पुं०=उद्भिज्य। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उद्भिज्ज :
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वि० [सं० उद्√भिद् (विदारण)+क्विप्√जन् (उत्पन्न होना)+ड] (पेड़, पौधे लताएँ आदि) जो जमीन फोड़कर उगती या निकलती हों। पुं० जमीन में उगनेवाले पेड़, पौधे, लताएँ आदि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उद्भिज्ज-शास्त्र :
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पुं० [ष० त०] वनस्पति-शास्त्र। |
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समानार्थी शब्द-
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