शब्द का अर्थ
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उत्तमर्ण :
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पुं० [सं० उत्तम-ऋण, ब० स०] वह जो दूसरो को ऋण देता हो, अथवा जिसे किसी को ऋण दिया हो। महाजन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तमर्णिक :
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पुं० [सं० उत्तम-ऋण, कर्म० स०+ठन्-इक]=उत्तमर्ण। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तमर्ण :
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पुं० [सं० उत्तम-ऋण, ब० स०] वह जो दूसरो को ऋण देता हो, अथवा जिसे किसी को ऋण दिया हो। महाजन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्तमर्णिक :
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पुं० [सं० उत्तम-ऋण, कर्म० स०+ठन्-इक]=उत्तमर्ण। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |