शब्द का अर्थ
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					उत्क्षेपण					 :
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					पुं० [सं० उद्√क्षिप्+ल्युट्-अन] १. ऊपर की ।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					उत्क्षेप					 :
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					पुं० [सं० उद्√क्षिप्+घञ्] [वि० उत्क्षिप्त, कर्त्ता उत्क्षेपक] १. ऊपर की ओर उछालने या फेंकने की क्रिया या भाव। २. बाहर निकालना। ३. दूर हटाना। ४. परित्याग करना। छोड़ना। ५. कै। वमन।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					उत्क्षेपक					 :
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					पुं० [सं० उद्√क्षिप्+ण्वुल्-अक] १. ऊपर उछालने या फेंकनेवाला। २. दूर करने या हटानेवाला। ३. चोरी करनेवाला। चोर।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					उत्क्षेपण					 :
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					पुं० [सं० उद्√क्षिप्+ल्यूट्-अक] १. ऊपर की ओर फेंकने की क्रिया या भाव। उछालना। २. उल्टी। कै। वमन। ३. चोरी। 4. मूसल। 5. पाँव। 6. ढकना। ढक्कन।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					उत्क्षेपण					 :
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					पुं० [सं० उद्√क्षिप्+ल्युट्-अन] १. ऊपर की ।				 | 
			
			
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					उत्क्षेप					 :
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					पुं० [सं० उद्√क्षिप्+घञ्] [वि० उत्क्षिप्त, कर्त्ता उत्क्षेपक] १. ऊपर की ओर उछालने या फेंकने की क्रिया या भाव। २. बाहर निकालना। ३. दूर हटाना। ४. परित्याग करना। छोड़ना। ५. कै। वमन।				 | 
			
			
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					उत्क्षेपक					 :
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					पुं० [सं० उद्√क्षिप्+ण्वुल्-अक] १. ऊपर उछालने या फेंकनेवाला। २. दूर करने या हटानेवाला। ३. चोरी करनेवाला। चोर।				 | 
			
			
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					उत्क्षेपण					 :
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					पुं० [सं० उद्√क्षिप्+ल्यूट्-अक] १. ऊपर की ओर फेंकने की क्रिया या भाव। उछालना। २. उल्टी। कै। वमन। ३. चोरी। 4. मूसल। 5. पाँव। 6. ढकना। ढक्कन।				 | 
			
			
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