शब्द का अर्थ
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उत्कल :
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पुं० [सं० ] १. भारतीय संघ के उड़ीसा राज्य का पुराना नाम। २. चिड़ीमार। बहेलिया। ३. बोझ ढोनेवाला मजदूर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्कलन :
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पुं० [सं० उद्√कल् (गति, प्रेरणा, संख्या, शब्द)+ल्युट्-अन] १. बंधन से मुक्त होना। छूटना। २. फूलों आदि का खिलना या विकसित होना। ३. लहराना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्कलिका :
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स्त्री० [सं० उद्√कल्+वुल्-अक-टाप्] १. उत्कंठा। २. फूल की कली। ३. लहर। तरंग। ४. साहित्य में ऐसा गद्य जिसमें बड़े-बड़े सामासिक पद हों। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्कलित :
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वि० [सं० उद्√कल्+क्त] १. जो बँधा हुआ न हो। खुला हुआ। मुक्त। २. खिला हुआ। विकसित। ३. लहराता हुआ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्कली :
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वि० स्त्री० दे० ‘उड़िया’। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उत्कल :
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पुं० [सं० ] १. भारतीय संघ के उड़ीसा राज्य का पुराना नाम। २. चिड़ीमार। बहेलिया। ३. बोझ ढोनेवाला मजदूर। |
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समानार्थी शब्द-
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उत्कलन :
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पुं० [सं० उद्√कल् (गति, प्रेरणा, संख्या, शब्द)+ल्युट्-अन] १. बंधन से मुक्त होना। छूटना। २. फूलों आदि का खिलना या विकसित होना। ३. लहराना। |
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उत्कलिका :
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स्त्री० [सं० उद्√कल्+वुल्-अक-टाप्] १. उत्कंठा। २. फूल की कली। ३. लहर। तरंग। ४. साहित्य में ऐसा गद्य जिसमें बड़े-बड़े सामासिक पद हों। |
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उत्कलित :
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वि० [सं० उद्√कल्+क्त] १. जो बँधा हुआ न हो। खुला हुआ। मुक्त। २. खिला हुआ। विकसित। ३. लहराता हुआ। |
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उत्कली :
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वि० स्त्री० दे० ‘उड़िया’। |
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