शब्द का अर्थ
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स्थान :
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पुं० [सं०] [वि० स्थानिक, स्थानीय] १. स्थिति। ठहराव। २. खुला हुआ भूमि-भाग। जमीन। मैदान। ३. निश्चित और परिमित स्थितवाला वह भू-भाग जिसमें कोई बस्ती, प्राकृतिक रचना या कोई विशेष बात हो। जगह। स्थल। (प्लेस) जैसे–वहाँ देखने योगोय अनेक स्थान है। ४. रहने की जगह। (मकान, घर आदि)। ५. सेवा या लोकोपकार आदि के काम करने की जगह। पद। ओहदा। (पोस्ट) ६. बैठने का वह विशिष्ट स्थान जो निर्वाचित अथवा प्रति–निधित्व करनेवाले लोगों के लिए होता है। ७. देवालय, आश्रम या इसी प्रकार का कोई पवित्र स्थान। ८. अवसर। मौका। ९. देश। प्रदेश। १॰. मुँह के अंदर का वह अंग या स्थल जहाँ से किसी वर्ण या शब्द का उच्चारण हो। जैसे–कंठ, तालू, मूर्धा, दंत, ओष्ठ। (व्याकरण) ११. किसी राज्य के मुख्य आधार या बल जो चार माने गये हैं। यथा–सेना, कोष नगर और देश। (मनु०) १२. प्राचीन भारतीय राजनीति में, वह स्थिति जब युद्ध यात्रा न करके राजा लोग किसी उद्देश्य से चुप–चाप या बड़े उदासीन भाव से बैठे रहते थे। १३. आखेट में शरीर की एक प्रकार की मुद्रा (यह आसन का एक भेद माना गया है)। १४. अभिनय में अभिनेता का कार्य या चरित्र। १५. अवस्था। दशा। १६. गोदाम। भंडार। १७. कारण। हेतु। १८. किला। दुर्ग। १९. ग्रंथ का अध्याय या परिच्छेद। |
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समानार्थी शब्द-
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स्थानक :
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पुं० [सं०] १. अवस्था। स्थिति। २. रूपक में कोई विशेष स्थिति। जैसे–पताका स्थानक। ३. जगह। स्थान। ४. नगर। शहर। ५. दरजा। पद। ६. वृक्ष का थाला। आल-बाल। ७. फेन। ८. नृत्य में एक प्रकार की मुद्रा। |
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स्थानकवासी :
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पुं० [सं०] जैनों में एक विशिष्ट संप्रदाय। |
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स्थान-चिंतक :
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पुं० [सं०] वह सैनिक अधिकारी जो सेना के पड़ाव डालने, चौकी बनाने आदि के उद्देश्य से स्थान-स्थान आदि की व्यवस्था करता है। |
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स्थान-च्युत :
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भू० कृ० [सं०] [भाव० स्थान–च्युति] १. जो अपने स्थान से गिर, हट या अलग हो गया हो। २. पद से हटाया हुआ। पद-च्युत। |
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स्थान-पदिक :
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वि० [सं०] नियमित रूप से या प्रायः किसी स्थान अथवा प्रदेश में होने या पाया जानेवाला। (एन्डेमिक) जैसे–स्थान-पदिक रोग। |
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स्थान-पाल :
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पुं० [सं०] १. स्थान या देश का रक्षक। २. चौकीदार। पहरेदार। |
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स्थान-भ्रष्ट :
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भू० कृ० [सं०] स्थान–च्युत। |
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स्थानविद :
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वि० [सं०] जो किसी स्थान का जानकार हो। |
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स्थानस्थ :
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वि० [सं०] १. किसी स्थान पर टिका या टिककर रहनेवाला। २. स्थानीय। |
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स्थानांतर :
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पुं० [सं०] १. प्रकृत या प्रस्तुत से भिन्न कोई और स्थान। दूसरा स्थान। २. एक स्थान से दूसरे स्थान जाने की क्रिया या भाव। बदली। |
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स्थानांतरण :
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पुं० [सं०] [भू० कृ० स्थानांतरित] किसी वस्तु या व्यक्ति को एक स्थान से हटाकर दूसरे स्थान पर पहुँचाना, देखना या भेजना। बदली। (ट्रान्सफ़रेन्स) |
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स्थानांतरित :
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भू० कृ० [सं०] जो अपने स्थान पर से हटाकर दूसरे स्थान पर भेज दिया गया हो। (ट्रान्सफ़र्ड) |
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स्थानाध्यक्ष :
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पुं० [सं०] वह व्यक्ति जिसपर किसी स्थान की रक्षी का भार हो। स्थान-रक्षक। |
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स्थानापत्ति :
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स्त्री० [सं०] स्थानापन्न होने की अवस्था या भाव। किसी की जगह पर या बदले में काम करना। |
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स्थानापन्न :
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वि० [सं०] १. जिसनें किसी दूसरे स्थान का ग्रहण किया हो। २. शासनिक क्षेत्र में किसी अधिकारी की अस्वस्थता, अनुपस्थिति या अविद्यमानता में उसके स्थान पर अस्थाई रूप से काम करनेवाला। (आफि़शिएटिंग) |
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स्थानिक :
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वि० [सं०] १. स्थान संबंधी। २. किसी स्थान विशेष में ही होनेवाला। जिसका क्षेत्र किसी स्थान तक ही सीमित हो। स्थानीय। जैसे–स्थानिक शब्द। पुं० १. स्थानृ-रक्षक। २. देव मंदिर का प्रबंधक। |
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स्थानिक अधिकरण :
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पुं० [सं०] किसी विशेष स्थान पर रहनेवाले अधिकारियों का समूह वर्ग या निकाय। (लोकल ऑथॉर्रटी) |
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स्थानिक कर :
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पुं० [सं०] किसी स्थान विशेष पर लगने वाला कर। (लोकल टैक्स) |
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स्थानिक-परिषद :
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स्त्री० [सं०] किसी बस्ती के निवासियों के प्रतिनिधियों की वह परिषद या सभा जिस पर वहाँ के कुछ विशेष्ट लोक-हित संबंधी सार्वजनिक कार्यों का भार हो। (लोकल बोर्ड) |
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स्थानिक स्वराज्य :
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पुं०, दे० ‘स्थानिक स्वायत्त शासन’। |
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स्थानिक स्वायत्त शासन :
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पुं० [सं०] १. लोक तंत्र शासन प्रणाली में शहरों कसबों गाँव आदि के लोगो द्वारा की जाने वाली अपने यहाँ की शासन-व्यवस्था। २. उक्त शासन का अधिकारी। ३. उक्त शासन-प्रणाली। (लोकल सेल्फ़ गवर्नमेंट) |
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स्थानी (निन्) :
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वि० [सं०] १. स्थान या पद से युक्त। २. उपयुक्त। ३. स्थाई। |
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स्थानीकरण :
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पुं० [सं०] [भू० कृ० स्थानीकृत] इधर-उधर या दूर तक फैले हुए कार्यों, व्यापारों आदि को नियंत्रित करके एक केन्द्र या स्थान में आबद्ध या सीमित करना। (लोकलाईजे़शन) |
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स्थानीकृत :
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भू० कृ० [सं०] जो या जिसका स्थानीकरण हुआ या किया गया हो। (लोकलाइज्ड) |
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स्थानीय :
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वि० [सं०] १. उस स्थान या नगर का जिसके संबंध में कोई उल्लेख हो। उल्लखित, वक्ता या लेखक के स्थान का। मुकामी। स्थानिक। (लोकल) जैसे–स्थानीय पुलिस कर्मचारी। स्थानीय समाचार। किसी स्थान पर ठहरा हुआ। स्थित। पुं० १. नगर। शहर। २. प्राचीन भारत मे ८॰॰ गावोँ के बीच में बना हुआ किला या गढ़। |
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स्थानीय स्वशासन :
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पुं० [सं०]=स्थानिक स्वायत्त शासन। |
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स्थानेश्वर :
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पुं० [सं०] १. कुरुक्षेत्र का थानेश्वर नामक स्थान जो किसी समय तक प्रसिद्ध तीर्थ था। २. स्थानाध्यक्ष। |
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