| शब्द का अर्थ | 
					
				| विकस					 : | पुं० [सं०वि√कस् (विकसित होना)+अच्] चंद्रमा। | 
			
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				| विकसन					 : | पुं० [सं० वि√कस् (विकसित होना)+ल्युट-अन] [वि० विकसित] १. विकास करना या होना। २. फूलों आदि का खिलना। | 
			
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				| विकसना					 : | अ० [सं० विकसन] १. विकास के रूप में लाना। २. खिलने में प्रवृत्त करना। खिलना | 
			
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				| विकसाना					 : | स० [सं० विकसन] १. विकास के रूप में लाना। २. खिलने में प्रवृत्त करना। खिलाना। | 
			
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				| विकसित					 : | भू० कृ० [सं० वि√कस्+क्त, इत्व] १. जिसका विकास हुआ हो या किया गया हो। २. खिला हुआ। | 
			
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				| विकस्वर					 : | वि० [सं० वि√कस्+वरच्] विकासशील। खिलनेवाला। पुं० साहित्य में एक प्रकार का अर्थालंकार जो उस समय गाया जाता है जब विशेष का सामान्य द्वारा समर्थन करने के उपरान्त सामान्य का विशेष द्वारा भी समर्थन किया जाता है। | 
			
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