शब्द का अर्थ
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बड़वा :
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स्त्री० [सं० वल√वा+क+टाप्, ल-ड] १. घोड़ी। २. सूर्य की पत्नी की संज्ञा जिसने घोड़ी का रूप धारण कर लिया था। ३. अश्विनी नक्षत्र। ४. वायु देव की एक परिचायिका। ५. एक प्राचीन नदी। ६. दासी। सेविका। ७. बड़वानल। पुं० [हिं० बड़ा] भादों मास के अन्त में होनेवाला एक प्रकार का धान। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बड़वाग्नि :
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स्त्री०=बड़वानल (समुद्र की अग्नि)। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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बड़वानल :
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पुं० [हिं० बड़वा-अनल, ष० त०] समुद्र के अन्दर चट्टानों में रहनेवाली आग जो सबसे अधिक प्रबल तथा भीषण मानी गयी है। |
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बड़वामुख :
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पुं० [हिं० बड़वा-मुख, ष० त० अच्] १. बडड़वाग्नि। २. शिव का मुख। |
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बड़वार :
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वि० [भाव० बड़वारी] बड़ा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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बड़वारी :
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स्त्री० [हिं० बड़वार] १. बड़प्पन। २. बड़ाई। महत्त्व। ३. प्रशंसा। |
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बड़वाल :
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स्त्री० [देश] हिमालय की तराई मे होनेवाली भेड़ों की एक जाति। |
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बड़वा-सुत :
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पुं० [सं० ष० त०] अश्विनीकुमार। |
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बड़वाहृत :
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पुं० [सं० तृ० त०] स्मृतियों से अनुसार वह व्यक्ति जिसे किसी दासी से विवाह करने के कारण दासत्व ग्रहण करना पड़ा हो। |
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बड़वा :
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स्त्री० [सं० बड़वा=बल√वा (गति)+क+टाप्,लस्य,ड] १. घोड़ी। २. दासी। ३. वेश्या। ४. अश्विनी नक्षत्र ५. ब्राह्मण जाति की स्त्री। |
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