शब्द का अर्थ
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फाँट :
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स्त्री० [हिं० फाटना, फटना] १. यथा क्रम कई भागों में बाँटने की क्रिया या भाव। क्रि० प्र०—बाँधना।—लगाना। पद—फांट बंदी=वह कागज जमींदारी के हिस्सों का ब्यौरा लिखा रहता है। २. उक्त प्रकार से किये हुए विभाग। ३. किसी चीज की दर आदि का बैठाया जानेवाला पड़ता। वि० जो आसानी से तैयार किया गया हो। पुं० [?] ओषधियों को उबालकर निकाला जानेवाला रस। काढ़ा। क्वाथ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
फाँटना :
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स० [हिं० फाँटना] १. किसी वस्तु को कई भागों में बाँटना। विभाग करना। २. ओषधियों का रस निकालने के लिए उन्हें उबालना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
फाँटा :
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पुं० [हिं० फाँटना] १. लोहे या लकड़ी का वह झुका हुआ या कोणाकार टुकड़ा जो दो वस्तुओं को परस्पर जकड़े रखने के लिए जोड़ पर जड़ा रहता है। कोनिया। पुं०=फट्टा। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |