शब्द का अर्थ
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पुष्टिद :
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वि० [सं० पुष्टि√दा (देना)+क] पुष्टिकर। (दे०) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुष्टिदग्धयत्न :
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पुं० [सं० दग्ध-यत्न, ष० त०, पुष्टिदग्धयत्न, मध्य० स०] चिकित्सा का एक प्रकार जिसमें आग में जले हुए अंग को आग से सेंक कर या किसी प्रकार का गरम-गरम लेप करके अच्छा किया जाता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुष्टिदा :
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स्त्री० [सं० पुष्टिद+टाप्] १. अश्वगंधा। असगंध। २. वृद्धि नाम की ओषधि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुष्टिद :
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वि० [सं० पुष्टि√दा (देना)+क] पुष्टिकर। (दे०) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुष्टिदग्धयत्न :
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पुं० [सं० दग्ध-यत्न, ष० त०, पुष्टिदग्धयत्न, मध्य० स०] चिकित्सा का एक प्रकार जिसमें आग में जले हुए अंग को आग से सेंक कर या किसी प्रकार का गरम-गरम लेप करके अच्छा किया जाता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुष्टिदा :
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स्त्री० [सं० पुष्टिद+टाप्] १. अश्वगंधा। असगंध। २. वृद्धि नाम की ओषधि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |