शब्द का अर्थ
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पांक्त :
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वि० [सं० पंक्ति+अञ्] १. पंक्ति-संबंधी। पंक्ति का। २. पंक्ति के रूप में होनेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पांक्तेय :
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वि० [सं० पंक्ति+ढक्—एय] [पंक्ति+ष्यञ्] (व्यक्ति) जो अपने अथवा किसी विशिष्ट वर्ग के लोगों के साथ एक पंक्ति में बैठकर भोजन कर सकता हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पांक्त्य :
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वि० [सं० पंक्ति+व्यञ्]=पांक्तेय। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पांक्त :
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वि० [सं० पंक्ति+अञ्] १. पंक्ति-संबंधी। पंक्ति का। २. पंक्ति के रूप में होनेवाला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पांक्तेय :
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वि० [सं० पंक्ति+ढक्—एय] [पंक्ति+ष्यञ्] (व्यक्ति) जो अपने अथवा किसी विशिष्ट वर्ग के लोगों के साथ एक पंक्ति में बैठकर भोजन कर सकता हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पांक्त्य :
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वि० [सं० पंक्ति+व्यञ्]=पांक्तेय। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |