| शब्द का अर्थ | 
					
				| दीना					 : | स्त्री० [सं० दीन+टाप्] मूषिका। चुहिया। | 
			
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				| दीनानाथ					 : | पुं० [सं० दीन-नाथ ष० त० दीर्घ] १. वह जो दीनों का स्वामी या रक्षक हो। दुखियों का पालक और सहायक। २. ईश्वर। परमात्मा। | 
			
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				| दीनार					 : | पुं० [सं०√दी (क्षय करना)+आरक् (नुट्)] १. सोने का गहना। २. सोने का एक पुराना सिक्का जो ईरान में प्रचलित था। ३. एक निष्क की तौल। | 
			
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				| दीनारी					 : | पुं० [सं० दीनार] लोहारों का ठप्पा। | 
			
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